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मुंबई : भारत के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को मौजूदा आईपीएल में मुंबई इंडियंस की चौथी हार के बाद प्रमुख पूर्व खिलाड़ियों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा और पूर्व महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अब तक ‘बिलकुल साधारण गेंदबाजी और साधारण कप्तानी' के लिए उनकी आलोचना की। मुंबई की कप्तानी संभालने के बाद से प्रशंसकों की हूटिंग का सामना कर रहे पांड्या को रविवार रात चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ टीम की 20 रन की हार के बाद गावस्कर और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन की आलोचना झेलनी पड़ी। पांड्या ने पारी के अंतिम ओवर में 26 रन लुटाए जिसमें महेंद्र सिंह धोनी ने लगातार तीन छक्के मारे। 

गावस्कर ने कहा, ‘ओह, बेहद साधारण गेंदबाजी, साधारण कप्तानी। शिवम दुबे के साथ रुतुराज गायकवाड़ के काफी अच्छी बल्लेबाजी करने के बावजूद उन्हें कम स्कोर पर रोका जाना चाहिए था। मेरा मानना है कि उन्हें 185-190 रन तक रोका जाना चाहिए था।' उन्होंने कहा, ‘संभवत: सबसे बदतर गेंदबाजी जो मैंने काफी लंबे समय में देखी है।' पांड्या ने तीन ओवर में 43 रन देकर दो विकेट चटकाए और बल्लेबाजी करते हुए भी छह गेंद में सिर्फ दो रन बना पाए। 

पूर्व कप्तान रोहित शर्मा की 63 गेंद में नाबाद 105 रन की पारी के बावजूद मुंबई की टीम 207 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए छह विकेट पर 186 रन ही बना सकी। पीटरसन का मानना है कि इस स्टार ऑलराउंडर पर बाहरी आलोचना का असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘मैं वास्तव में सोचता हूं कि खेल के इतर की चीजें हार्दिक पांड्या पर बहुत प्रभाव डाल रही हैं। जब वह टॉस के लिए जाता है तो वह बहुत मुस्कुराता है। वह ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहा है जैसे वह बहुत खुश है। वह खुश नहीं है। यह मेरे साथ हुआ है। मैं इसका सामना कर चुका हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि यह आप पर प्रभाव डालता है।' 

उन्होंने कहा, ‘अभी हम जो हूटिंग सुन रहे हैं। मुझे पता है कि वे सुपरकिंग्स के पूर्व कप्तान (धोनी) द्वारा मैदान के हर तरफ उसके (पांड्या) खिलाफ शॉट खेलने से खुश थे, इससे आपको दुख होता है। क्योंकि उनमें भावनाएं हैं। वह एक भारतीय खिलाड़ी और वह नहीं चाहता कि उसके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाए इसलिए जब यह होता है तो इसका उस पर असर होता है। यह उसके क्रिकेट पर असर डाल रहा है।' पीटरसन ने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि जब सुपरकिंग्स के बल्लेबाज तेज गेंदबाजों के खिलाफ आसानी से रन बना रहे थे तो पांड्या ने अपने स्पिनरों का उपयोग क्यों नहीं किया।