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नयी दिल्ली : बैडमिंटन विश्व महासंघ ने कोरोना वायरस महामारी के बीच खेल की बहाली की मानक संचालन प्रक्रिया की घोषणा करते हुए कहा कि सभी खिलाड़ियों और अधिकारियों को विश्व टूर के सभी टूर्नामेंटों और प्रमुख चैम्पियनशिप में कम से कम एक अनिवार्य कोरोना जांच से गुजरना होगा । बीडब्ल्यूएफ ने एक विज्ञप्ति में कहा- खिलाड़ियों और स्टाफ को सबसे सुरक्षति माहौल देने के लिये बीडब्ल्यूएफ हर प्रमुख चैम्पियनशिप और विश्व टूर टूर्नामेंटों में कोरोना जांच को अनिवार्य करेगा। एक दिन पहले ही महासंघ ने संशोधित कैलेंडर की घोषणा की है ।

विज्ञप्ति में कहा गया- सभी खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ को हर प्रमुख चैम्पियनशिप और विश्व टूर टूर्नामेंटों में कोरोना जांच करानी होगी । हर टूर्नामेंट में कम से कम एक जांच अनिवार्य होगी। इसमें कहा गया कि पहचान पत्र तीन वर्गों या बबल में होंगे जो हरा, नारंगी और लाल होगा। इसमें कहा गया- हरे वर्ग के प्रतियोगियों को अपना देश छोड़ने से पहले कोरोना जांच करानी होगी और टेस्ट का नतीजा नेगेटिव होना चाहिये । हर टूर्नामेंट के लिये हरे वर्ग का पहचान पत्र तभी जारी होगा जब जांच रिपोर्ट नेगेटिव हो।

इसमें आगे कहा गया- बीडब्ल्यूएफ के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करने पर पहचान पत्र रद्द कर दिया जायेगा और परिसर में प्रवेश की अनुमति भी नही मिलेगी। इसी तरह नारंगी और लाल वर्ग के पहचान पत्र वालों की जांच नहीं होगी लेकिन तापमान चेक किया जायेगा।
मैच से पूर्व और पश्चात के प्रोटोकॉल भी जारी किये गए हैं।

इसके अनुसार- हाथ मिलाने की बजाय खिलाड़ी विरोधी का रैकेट छुएंगे और मैच अधिकारियों का अपने सीने पर हाथ क्रॉस करके अभिवादन करेंगे। इसके अलावा शटलकॉक डिस्पेंसर भी हर कोर्ट के हर छोर पर रहेगा । खिलाड़ी को जब शटलकॉक बदलनी हो और अंपायर इसकी अनुमति दे तो इसमें से वह ले सकता है और इस्तेमाल की हुई शटलकॉक को सर्विस जज को रैकेट से दे सकता है या शटल बॉक्स में डाल सकता है ।