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स्पोर्ट्स डेस्क: पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ का 1996 से 2012 तक का अंतरराष्ट्रीय करियर अविश्वसनीय रहा। द्रविड़ ने अपने 16 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 164 टेस्ट, 344 वनडे और एक टी20 मैच खेला और सभी प्रारूपो में 24000 से ज्यादा रन बनाए। अपने खेल के दिनो में उन्होंने दुनिया के कुछ बेहतरीन गेंदबाजो का सामना किया जिनमें शेन वार्न, ग्लेन मैक्ग्रा, ब्रेट ली, मुथैया मुरलीधरन, वसीम अकरम, वकार यूनिस और कई अन्य दिग्गज शामिल थे।

हाल ही में अश्विन के शो पर द्रविड़ से पूछा गया कि उन्हें अब तक का सबसे मुश्किल गेंदबाज कौन सा लगा। कुछ देर सोचने के बाद उन्होंने दो नाम लिए ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन।

द्रविड़ ने कहा, 'एक तेज गेंदबाज के तौर पर वो ग्लेन मैक्ग्रा ही थे। मुझे लगता था कि मैक्ग्रा मैंने अकरम और यूनिस को उनके करियर के आखिरी दौर में खेला है। इसलिए ये सही नही है जो लोग वसीम को पहले खेल चुके है वो कहते है कि वो एक अलग ही स्तर के गेंदबाज थे और मैं उनके वीडियो देखने के बाद अंदाजा लगा सकता हूं और अपने करियर के आखिरी दौर में भी वो कमाल के गेंदबाज थे। लेकिन मैंने मैक्ग्रा को उनके चरम पर खेला। वो एक बेहतरीन गेंदबाज थे। उन्होंने मेरे ऑफ़ स्टंप को किसी से भी ज्यादा चुनौती दी। सिर्फ स्टंप के पास जाकर गेंद को उछाल देना और उनकी फिटनेस का स्तर वो पूरे दिन आपके पास आकर गेंद को नियंत्रित रख सकते थे। मैंने उनसे ज्यादा तेज गेंदबाजो को खेला है लेकिन निरंतरता और कौशल के मामले में वो मेरे सामने आए सबसे मुश्किल गेंदबाज रहे होंगे।'

उन्होंने आगे कहा, 'एक स्पिनर के तौर पर मुरलीधरन मेरे खिलाफ खेले गए सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजो में से एक थे। उनका हुनर ​​लाजवाब था। उनमें गेंद को दोनो तरफ घुमाने की क्षमता थी। खासकर जब वह राउंड द विकेट आते। इसलिए वह ऐसे गेंदबाज थे जो कभी थकते नही थे और लंबे स्पैल फेंकते थे। वह लगातार आपके खिलाफ खेलते रहते थे और वह एक बेहतरीन स्पिनर थे।'

गौर है कि ग्लेन मैक्ग्रा ने 1993 से 2007 तक ऑस्ट्रेलिया के लिए 124 टेस्ट और 250 वनडे मैच खेले और क्रमशः 563 और 381 विकेट लिए। वह खेल के सबसे लंबे प्रारूप में ऑस्ट्रेलिया के सबसे सफल तेज गेंदबाज है और छह बार की चैंपियन टीम के लिए वनडे में सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है। दूसरी ओर मुरलीधरन ने टेस्ट में 800, वनडे में 534 और टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचो में 13 बल्लेबाजो को आउट किया।