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गांधीनगर , गुजरात ( निकलेश जैन ) भारत की नंबर चार महिला शतरंज खिलाड़ी 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने अपने खेल जीवन की एक बड़ी उपलड़ी हासिल करते हुए विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप ( बालिका ) का खिताब अपने नाम कर लिया है । अंतिम राउंड में दिव्या नें बुल्गेरिया की क्रास्तेवा बेलोस्लावा को पराजित करते हुए देश के विश्व जूनियर खिताब के 15 साल के सूखे को खत्म कर दिया है । दिव्या से पहले भारत की कोनेरु हम्पी नें एथेंस ग्रीस 2001 में , हरिका द्रोणावल्ली नें 2008 भारत में और सौम्या स्वामीनाथन नें 2009 में अर्जेन्टीना में यह खिताब हासिल किया था और तब से भारत से यह खिताब दूर था और अब दिव्या ऐसा करने वाली भारत की चौंथी खिलाड़ी बन गयी है । दिव्या कुल 10 अंक बनाकर स्वर्ण पदक और विश्व खिताब जीतने में सफल रही तो अंतिम राउंड में भारत की रक्षिता रवि को पराजित करते हुए अर्मेनिया की मरियम एम 9.5 अंक बनाकर रजत पदक जीता । जबकि फीडे की ओर से खेल रही नॉर्मन क्सेनिया को मात देकर अजरबैजान की अयान अल्लाहवेर्दिएवा नें 8.5 अंक बनाकर कांस्य पदक अपने नाम किया । अन्य भारतीय खिलाड़ियों में शुभी गुप्ता 8 अंक , रक्षिता रवि 7.5 अंक , रींधिया वी 7.5 अंक , मृदुल देहांकर 7.5 अंक शीर्ष 10 में जगह बनाने में कामयाब रही ।

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बालक वर्ग में कजाकिस्तान के कायबेक नोगेरबेक 8.5 अंक बनाकर बेहतर टाईब्रेक के आधार पर विजेता रहे जबकि अर्मेनिया के एमिन ओहनयन उपविजेता रहे जबकि सर्बिया के लूका बुड़ीसावलजेवीक 8 अंक बनाकर बेहतर टाईब्रेक के आधार पर कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे , भारतीय खिलाड़ियों में प्रणव आनंद दसवें , सामंत आदित्य ग्यारवें और अनुज श्रीवात्रि बारहवें स्थान पर रहे ।

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