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स्पोर्ट्स डेस्क(राहुल): भारतीय क्रिकेट टीम के सफल कप्तान रहे महेंद्र सिंह धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। साल 2005 में श्रीलंका टीम तीन टेस्ट खेलने के लिए भारत आई, जिसका पहला मुकाबला चेन्नई के एम ए चिदंबरम स्टेडियम में 2 दिसंबर को शुरू हुआ। इस मैच में धोनी को विकेटकीपर के रूप में खेलने का माैका मिला आैर उन्होंने कीपिंग के साथ-साथ बल्ले से भी कुछ सहयोग दिया। 

सातवें नंबर पर आए थे बल्लेबाजी करने
भारत ने टाॅस जीता आैर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। टीम की कमान राहुल द्रविड़ के हाथों में थी। भारत की शुरूआत अच्छी नहीं रही आैर ओपनर गाैतम गंभीर बिना खाता खोले आउट हो गए। इसके बाद टीम को दूसरा झटका वीरेंद्र सहवाग के रूप में लगा। श्रीलंका के गेंदबाजों ने 109 के स्कोर पर भारत के 5 विकेट गिरा दिए। इसके बाद धोनी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। 
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सबकी नजरें उनपर जमीं थी क्योंकि वह अपने लंबे बालों की वजह से सबके ध्यान में भी आ गए थे। धोनी ने 54 गेंदों में 6 चाैकों की मदद से 30 रनों की पारी खेली, जिसकी वजह से भारतीय टीम आॅलआउट होकर 167 रन बना सकी। 

अंतिम समय तक दिया टीम का साथ
एक समय भारत के 7 विकेट 118 रनों पर गिर गए थे। यूं लगने लगा की श्रीलंका के गेंदबाजी जल्द ही भारतीय टीम को आॅलआउट कर देगी, लेकिन धोनी ने अंतिम समय तक टीम का साथ दिया आैर स्कोर 167 तक पहुंचाया। भारत का आखिरी विकेट 74वें ओवर की दूसरी गेंद पर धोनी के रूप में गिरा था। उन्हें लेग स्पिनर मलिंगा बांदारा ने आउट किया। पर आउट होने से पहले धोनी ने इस छोटी सी पारी की मदद से चयनकर्ताओं का विश्वास जीत लिया था।  

ये रहा था मैच का नतीजा
श्रीलंका ने अपनी पहली पारी में 4 विकेट के नुकसान पर 168 रन बना लिए थे। उन्होंने भारतीय गेंदबाजों पर पूरा दवाब बनाया आैर मैच में पकड़ बना ली थी। पर मैच के दूसरे दिन अचानक तेज बारिश आने के कारण मैच को बीच में ही रोकना पड़ा। इसके बाद बारिश ने थमने का नाम नहीं लिया आैर बचे दिनों में भी बारिश पड़ने के कारण मैच को रद्द करना पड़ा। हालांकि यह 3 मैचों की सीरीज थी जिसमें भारत ने 2-0 से कब्जा किया। इस सीरीज में धोनी ने 30, 5, 51, 49, 14 रनों की पारियां खेलीं थी।