स्पोर्ट्स डेस्क: रांची वनडे में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर शानदार जीत दर्ज की, लेकिन मैच खत्म होते ही चर्चा मैदान से हटकर चयन पर पहुंच गई। टीम इंडिया के सीनियर स्पिनर आर अश्विन ने नितीश कुमार रेड्डी को प्लेइंग इलेवन में मौका न देने पर चयनकर्ताओं से कड़े सवाल पूछे। हार्दिक पंड्या की गैर मौजूदगी के बावजूद रेड्डी को बेंच पर बैठाना फैंस और पूर्व खिलाड़ियों में बहस का बड़ा विषय बन गया है।
अश्विन का सीधा सवाल— “अगर खिलाना नहीं था, तो चुना क्यों?”
अपने यूट्यूब शो पर अश्विन ने टीम मैनेजमेंट के फैसले पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि नितीश कुमार रेड्डी जैसे तेज़ गेंदबाजी ऑलराउंडर की मौजूदगी में भी भारत ने उन्हें बाहर बैठाए रखा, जो टीम बैलेंस के लिए जरूरी थे। अश्विन बोले, 'अगर हार्दिक नहीं थे और फिर भी नितीश को जगह नहीं मिली, तो चयन प्रक्रिया में कुछ तो गड़बड़ है। उन्हें चुना ही क्यों गया?'
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि रेड्डी को उनके शांत स्वभाव, मुश्किल मौकों पर गेंदबाजी और निचले क्रम में तेज़ रन बनाने की क्षमता के कारण भविष्य का बेहतरीन विकल्प माना जा रहा है।
रोहित और द्रविड़ की नई बैटिंग सोच की जमकर तारीफ
चयनकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए भी अश्विन ने टीम इंडिया की नई बल्लेबाजी संस्कृति की तारीफ की। उन्होंने कहा कि रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ ने सफेद गेंद क्रिकेट में टीम की सोच पूरी तरह बदल दी, 'यह ट्रांज़िशन रोहित और राहुल भाई की देन है। उन्होंने सिर्फ खिलाड़ियों को नहीं, खुद भी आगे बढ़कर आक्रामक क्रिकेट का रास्ता दिखाया।'
अश्विन के मुताबिक यह वही परिवर्तन है जिसकी वजह से भारत ने 2024 T20 विश्व कप जीता और अब लगातार सफेद गेंद फॉर्मेट में तेज़ बल्लेबाजी अपनाई है।
रोहित–कोहली के हर मैच को एन्जॉय करने की अपील
अश्विन ने यह भी कहा कि अब जब रोहित शर्मा और विराट कोहली सिर्फ वनडे में खेल रहे हैं, तो फैंस को चाहिए कि उनके हर एक मैच को सेलिब्रेट करें। उन्होंने भावुक होकर कहा, 'समय किसी का इंतज़ार नहीं करता। जब तक वे खेल रहे हैं, हमें हर पल एन्जॉय करना चाहिए।'
घरेलू बनाम इंटरनेशनल चयन— अश्विन का दूसरा तंज
अश्विन ने इस हफ्ते चयनकर्ताओं पर एक और 'चुभता' तंज कसा। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अभिमन्यु ईश्वरन के 66 गेंदों पर 130 रन के बाद उन्होंने व्यंग्य में कहा, 'अब तो उन्होंने T20 में भी शतक मार दिया। शायद अब उन्हें टेस्ट टीम में भी देखेंगे।'
यह टिप्पणी उस तेजी से की जा रही चयन प्रक्रिया पर सवाल है जिसमें कुछ खिलाड़ियों को सीमित घरेलू अनुभव के बावजूद सीधे इंटरनेशनल क्रिकेट में मौका मिल रहा है।