बेंगलुरु : इंग्लैंड के सीनियर बल्लेबाज जो रूट भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की आक्रामक मानसिकता, विविधता और विकेट लेने के अथक प्रयासों से काफी प्रभावित हैं जिनका मानना है कि वह प्रतिद्वंद्वी को थकाने की सोच में विश्वास नहीं करते और हर समय खतरा बने रहते हैं। अश्विन ने हाल में पारंपरिक प्रारूप में 500 विकेट चटकाने की उपलब्धि हासिल की और वह ऐसा करने वाले अनिल कुंबले के बाद दूसरे भारतीय बने। अश्विन धर्मशाला में सात मार्च से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले पांचवें मैच में अपना 100वां टेस्ट खेलेंगे।
रूट ने कहा, ‘अश्विन थकाने के बजाय हमेशा आपको आउट करने के तरीके ढूंढने की कोशिश करता रहता है।' उन्होंने कहा कि अश्विन के पास गेंदबाजी में इतनी विविधता है कि बल्लेबाज उनकी गेंदबाजी पर हमेशा अनुमान ही लगाते रहते हैं। रूट ने कहा, ‘वह पारंपरिक ऑफ स्पिनर की तुलना में क्रीज का अलग तरह से इस्तेमाल करता है। वह ‘ओवर स्पिन', ‘साइड स्पिन' का इस्तेमाल करता है, स्टंप पर कसी गेंदबाजी करता है, वह वाइड गेंद भी डालता है और कैरम गेंदबाजी भी करता है तो उसके पास अलग अलग तरह की गेंद हैं।'
इंग्लैंड के इस पूर्व कप्तान ने कहा, ‘इसलिए आपको हमेशा ही हर वक्त उसके अलग अलग खतरों से सतर्क रहना पड़ता है और सुनिश्चित करना पड़ता है कि आपके पास उसकी गेंदों से निपटने के लिए बहुत अच्छा बल्लेबाजी कौशल हो ताकि आप उस पर हावी हो सकें।' अश्विन की गेंदबाजी की विविधता पर बात करते हुए रूट ने कहा कि तमिलनाडु का यह गेंदबाज अकसर एक ओवर में छह अलग-अलग तरह की गेंद डालता है। उन्होंने कहा, ‘अश्विन सुनिश्चित करता है कि आपको पिछली गेंद नहीं खेलनी पड़े। वह आपको क्रीज पर आगे लाने की कोशिश में माहिर है।'
रूट ने कहा कि अश्विन नई और पुरानी गेंद से अलग अलग तरह का खतरा पेश करता है। इंग्लैंड की आक्रामक ‘बैजबॉल' रणनीति भारत के खिलाफ इस श्रृंखला में कारगर नहीं हो सकी जिसमें वह अभी मेजबानों से 1-3 से पिछड़ रही है। लेकिन रूट ने कहा कि इंग्लैंड की टीम इससे हताश नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘ऐसा मत सोचिये कि टीम काफी हताश है। हमारा शीर्ष क्रम पिछले समय की तुलना में काफी निरंतर हो गया है। लेकिन दूसरी पारी में यह आक्रामक बल्लेबाजी थोड़ी पेचीदा हो सकती है। ऐसा भी समय होगा जब हमें थोड़ा समझदारी से खेलना होगा लेकिन यह टीम पछतावा नहीं करती। हमें प्रत्येक मौके से सीख लेने की जरूरत है।'