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स्पोर्ट्स डेस्क : विजय हजारे ट्रॉफी 2025-26 में बिहार ने अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ लिस्ट ए क्रिकेट का सबसे बड़ा टीम स्कोर बनाकर इतिहास रच दिया, लेकिन इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर भारतीय ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की प्रतिक्रिया ने नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर युवा बल्लेबाजों के धमाकेदार प्रदर्शन की हर तरफ तारीफ हो रही है, वहीं अश्विन ने इस मुकाबले को “आदर्श” नहीं बताते हुए घरेलू टूर्नामेंट की प्रतिस्पर्धात्मक संरचना पर सवाल खड़े किए हैं। 

बिहार का ऐतिहासिक रिकॉर्ड : 574/6

बिहार ने प्लेट ग्रुप मुकाबले में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 50 ओवर में 6 विकेट पर 574 रन बनाकर लिस्ट ए क्रिकेट का नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया। यह अब तक किसी भी टीम द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है। जवाब में अरुणाचल की टीम 177 रन पर सिमट गई, जिससे बिहार ने 397 रनों की विशाल जीत दर्ज की। इस एकतरफा नतीजे ने रिकॉर्ड बुक के साथ-साथ क्रिकेट जगत में भी हलचल मचा दी।

वैभव सूर्यवंशी और साकिबुल गनी की तूफानी पारियां

इस ऐतिहासिक पारी के नायक रहे युवा बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने सिर्फ 84 गेंदों में 190 रन ठोक दिए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने महज़ 36 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और 226 से ज्यादा के स्ट्राइक रेट से 16 चौके और 15 छक्के लगाए। कप्तान साकिबुल गनी ने भी कमाल किया और 40 गेंदों में नाबाद 128 रन बनाए। खास बात यह रही कि गनी ने सिर्फ 32 गेंदों में शतक पूरा कर किसी भारतीय का लिस्ट ए क्रिकेट में सबसे तेज़ शतक जड़ा।

अश्विन की “अजीब” लेकिन अहम राय

रिकॉर्ड और तारीफों के बीच रविचंद्रन अश्विन ने इस मुकाबले को लेकर अलग नजरिया रखा। अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्लेट ग्रुप में कुछ टीमों के बीच गुणवत्ता का अंतर बहुत ज्यादा है। अश्विन के मुताबिक, “यह मुकाबला आदर्श नहीं था। कुछ टीमों के बीच जमीन-आसमान का फर्क दिखता है, जिससे मैच पूरी तरह एकतरफा हो जाते हैं।” उन्होंने साफ किया कि वह बल्लेबाजों की मेहनत को कम नहीं आंक रहे, लेकिन ऐसे मैच प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के लिहाज से सवाल खड़े करते हैं।

रिकॉर्ड का सम्मान, लेकिन चिंता भी

अश्विन ने वैभव सूर्यवंशी की पारी की तारीफ करते हुए कहा कि बड़ा स्कोर कहीं भी बने, उसकी अहमियत कम नहीं होती। उन्होंने कहा, “दोहरा शतक या 190 रन, वह हर जगह खास ही रहता है।” हालांकि, उन्होंने यह चिंता भी जताई कि ऐसी करारी हारें उभरती हुई टीमों, जैसे अरुणाचल प्रदेश, के आत्मविश्वास पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। उनके अनुसार अगर इन टीमों को भविष्य में मजबूत बनाना है, तो टूर्नामेंट के ढांचे पर दोबारा विचार जरूरी है।

घरेलू क्रिकेट के स्ट्रक्चर पर सवाल

अश्विन की टिप्पणी ने विजय हजारे ट्रॉफी के प्लेट और एलीट ग्रुप सिस्टम पर फिर से चर्चा छेड़ दी है। क्या इतने बड़े अंतर वाले मुकाबले वास्तव में टीमों को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, या सिर्फ रिकॉर्ड्स तक सीमित रह जाते हैं? यह सवाल अब क्रिकेट प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच बहस का विषय बन गया है।

ईशान किशन की फॉर्म पर भी बोले अश्विन

इसी बातचीत में अश्विन ने ईशान किशन की हालिया फॉर्म की भी तारीफ की। कर्नाटक के खिलाफ झारखंड की कप्तानी करते हुए किशन ने 33 गेंदों में शतक और 39 गेंदों में 125 रन बनाए थे। अश्विन ने कहा कि टीम इंडिया से बाहर होने के बाद किशन का सफर चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन ने आत्मविश्वास और मेहनत की अहमियत को फिर से साबित किया है।