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डोर्टमंड ,जर्मनी ( निकलेश जैन ) जब 2008 मे भारत के विश्वनाथन आनंद और रूस के ब्लादिमीर क्रामनिक के बीच जर्मनी के बोन में विश्व चैंपियनशिप खेली गयी थी तो उसे शतरंज इतिहास के सबसे ज्यादा देखा गया मुक़ाबला माना गया था , आनंद नें क्रामनिक को 6.5-4.5 से पराजित करते हुए दूसरी बार विश्व चैम्पियन बन गए थे । तब से लेकर अब तक आनंद और क्रामनिक के बीच ऐसी कोई भी सीरीज नहीं हुई थी पर अब इस वर्ष शतरंज प्रेमियों को इन दोनों खिलाड़ियों के बीच डोर्टमंड स्पार्कसेन चैस ट्रॉफी का मुक़ाबला देखने को मिलने जा रहा है और बड़ी बात यह है की यह मुक़ाबला ऑन द बोर्ड होगा ना की ऑनलाइन ।

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बड़ी बात यह भी दोनों चार क्लासिकल मैच खेलने जा रहे है  पर यह मैच शतरंज के एक बड़े नियम को बदलकर होंगे मतलब यह शतरंज होगा नो केसलिंग शतरंज । यह मुक़ाबला 13 से 18 जुलाई 2021 को खेला जाएगा ।

क्या होता है नो केसलिंग शतरंज – शतरंज में हर खिलाड़ी के पास राजा और हाथी की एक सयुंक्त चाल होती है जिसमें राजा को बोर्ड के कोने में जाकर सुरक्षित हो जाता है और हाथी खेल में सक्रिय हो जाता है इस खास फॉर्मेट में किसी नियम को लागू नहीं किया जाएगा मतलब राजा को केंद्र में ही रहना होगा जिससे आक्रमण के मौके बढ़ जाते है और यही बात खेल को और चुनौतीपूर्ण बना देता है ।

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