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स्पोर्ट्स डेस्क : भारत बनाम वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज के लिए टीम से बाहर किए जाने के बावजूद अभिमन्यु ईश्वरन भारत के लिए पदार्पण करने को लेकर अब भी उत्साहित हैं। इंग्लैंड दौरे पर वह पूरी सीरीज में बेंच पर बैठे रहे, लेकिन घरेलू टेस्ट सीरीज के लिए उन्हें जगह नहीं मिली। अब यह सलामी बल्लेबाज आगामी रणजी ट्रॉफी में बंगाल की कप्तानी करेगा।

'कभी-कभी यह दुख देता है, लेकिन मैं प्रेरित हूं'

रेवस्पोर्ट्ज से बातचीत में ईश्वरन ने कहा, “हां, कभी-कभी यह दुख देता है। आप पूरी मेहनत करते हैं, कड़ी मेहनत करते हैं, और सपना मैदान पर बने रहने का होता है, अच्छा प्रदर्शन करने का, जीत में योगदान देने का। लेकिन मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे पास एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम मेरा परिवार, दोस्त और कोच हैं। वे मुझे जमीन से जुड़े रहने और प्रेरित रहने में मदद करते हैं। फिलहाल मैं अच्छी मानसिक स्थिति में हूं और रणजी सीजन का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।”

15 खिलाड़ियों ने किया डेब्यू, ईश्वरन अब भी इंतजार में

ईश्वरन ने टीम में पहली बार चुने जाने के बाद से अब तक 15 खिलाड़ियों को टेस्ट डेब्यू करते देखा है, जिनमें यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी भी शामिल हैं। लगातार बेंच पर बैठने के बावजूद वह हिम्मत नहीं हार रहे हैं और घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करके दोबारा टीम में जगह बनाने की उम्मीद कर रहे हैं।

सूर्यकुमार और माइकल हसी से ले रहे हैं प्रेरणा

30 की उम्र में भी ईश्वरन का आत्मविश्वास कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि वह माइकल हसी और सूर्यकुमार यादव जैसे खिलाड़ियों से प्रेरणा लेते हैं, जिन्होंने करियर में देर से डेब्यू किया लेकिन शानदार सफलता हासिल की। उन्होंने कहा, “मैं माइकल हसी का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। ऑस्ट्रेलिया में डेब्यू करने से पहले वह घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे थे। उनका सफर दिखाता है कि दृढ़ता क्या हासिल कर सकती है। यहां तक कि सूर्यकुमार यादव का 30 साल की उम्र के बाद भारत में डेब्यू करना और अब टीम की कप्तानी करना भी अविश्वसनीय है। उनके जैसे खिलाड़ी बेहतरीन उदाहरण हैं। इसलिए हां, यह बात हमेशा मेरे दिमाग में रहती है ‘मैं क्यों नहीं?’ 

अब लक्ष्य रणजी ट्रॉफी में धमाकेदार प्रदर्शन

ईश्वरन का अगला लक्ष्य रणजी ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन करना है ताकि चयनकर्ताओं का ध्यान दोबारा उनकी ओर जाए। बंगाल के कप्तान के रूप में वह अपनी टीम को खिताब दिलाने के साथ-साथ राष्ट्रीय टीम में वापसी का रास्ता भी बनाना चाहते हैं।