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लोजेन ,स्विट्जरलैंड ( निकलेश जैन ) शतरंज में विश्व चैंपियनशिप में मौजूदा विश्व चैम्पियन को चुनौती देने के लिए किसी भी खिलाड़ी को फीडे कैंडिडैट टूर्नामेंट जीतना होता है । फीडे कैंडिडैट में दुनिया के चुने हुए आठ खिलाड़ी खेलते है ,अब फीडे नें एक बार फिर इसमें चयनित होने वाले पैमानो को बदल दिया है । सबसे बड़ा बदलाव अब फीडे ग्रां प्री को इस पैमाने से बाहर कर देना है । आइये समझते है की इसमें क्या बदलाव हुए ।

विश्व चैंपियनशिप हारने वाले खिलाड़ी को 2024 के फीडे कैंडिडैट में पहले की तरह स्थान मिलता रहेगा ,इस वर्ष रूस के यान नेपोमनिशी और चीन के डिंग लीरेन के बीच विश्व चैंपियनशिप में जीतने वाला खिलाड़ी विश्व चैम्पियन बन जाएगा तो हारने वाला कैंडिडैट में जगह बना लेगा ।

इसके बाद अब फीडे विश्व कप के पहले तीन स्थान में आने वाले खिलाड़ियों को फीडे कैंडिडैट में स्थान मिलेगा । जबकि फीडे ग्रांड स्विस में पहले दो स्थान पर आने वाले खिलाड़ियों को पांचवे और छठे स्थान पर चयनित होने का आधिकार मिलेगा । इसके बाद सबसे बड़ा बदलाव सातवे स्थान के लिए किया गया है जिसमें अब दुनिया के कई प्रतिष्ठित ग्रांड मास्टर टूर्नामेंट के टूर्नामेंट खेलने और जीतने वाले खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा अंक बनाने वाले खिलाड़ी को फीडे कैंडिडैट में सातवे स्थान पर चयनित होने का मौका मिलेगा । आठवा और अंतिम स्थान उस खिलाड़ी को मिलेगा जो इन माध्यम से तो चयनित नहीं हो पाया है पर फीडे विश्व रैंकिंग के आधार पर सर्वश्रेष्ठ होगा । अगर अंतिम समय में किसी खिलाड़ी के हटने से जगह खाली होगी तो विश्व कप और ग्रांड स्विस की रैंक के आधार पर खिलाड़ी का चयन रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर किया जाएगा ।

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भारत के इन खिलाड़ियों पर होगी नजर – वैसे तो आज तक पुरुष वर्ग में विश्वनाथन आनंद के अलावा कोई भी दूसरा भारतीय फीडे कैंडिडैट में स्थान बनाने में कामयाब नहीं हुआ है पर भारत के युवा खिलाड़ियों जैसे डी गुकेश , अर्जुन एरिगासी , आर प्रज्ञानन्दा और निहाल सरीन आने वाली फीडे कैंडिडैट में जगह बनाने की क्षमता रखते है जबकि विदित गुजराती भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर यह कमाल दिखा सकते है ।

समझे इस पूरे नियम को हिन्दी चेसबेस इंडिया के इस विडियो के माध्यम से