Sports

खेल डैस्क : भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीडऩ और डराने धमकाने का आरोप लगाने वाले पहलवानों ने इस पर नाराजगी जताई है कि इस खेल प्रशासक के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच के लिए निगरानी समिति गठित करने से पहले सरकार ने उनसे सलाह मशविरा नहीं किया। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति के गठन की घोषणा की। यह समिति डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने के अलावा भारतीय कुश्ती महासंघ के रोजमर्रा के काम को भी देखेगी।

 

डब्ल्यूएफआई को हटाने की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर 3 दिन तक धरने पर बैठने वाले पहलवानों में शामिल बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, सरिता मोर और साक्षी मलिक ने समान ट्वीट पोस्ट करके अपनी नाराजगी जताई है। इन पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और ठाकुर को टैग कर ट्वीट किया है- हमें आश्वासन दिया गया था कि निगरानी समिति का गठन करने से पहले हम से सलाह ली जाएगी। यह वास्तव में दुखद है कि हम से सलाह मशवरा नहीं किया गया।

 


विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों की चैंपियन गीता फोगाट ने ट्वीट किया- मैं माननीय प्रधानमंत्री से आग्रह करती हूं कि देश की सभी बहने और बेटियां बड़ी उम्मीदों के साथ आपकी तरफ देख रही हैं। अगर हम बहनों और बेटियों को न्याय नहीं मिलता है तो यह देश के इतिहास में बड़ा दुर्भाग्य होगा। इससे पहले विनेश ने ट्वीट किया था- सत्य को परेशान किया जा सकता है लेकिन हराया नहीं जा सकता। 

 


पैनल के अन्य सदस्यों में ओलिम्पिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी और मिशन ओलिम्पिक सेल की सदस्य तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स के पूर्व सीईओ राजगोपालन और भारतीय खेल प्राधिकरण (साईं) की पूर्व कार्यकारी निदेशक (टीम) राधिका श्रीमन शामिल हैं। पहलवानों ने शरण के खिलाफ तानाशाही रवैया अपनाने और जूनियर पहलवानों का यौन उत्पीडऩ करने के आरोप लगाए थे। शरण भाजपा के सांसद भी हैं। पहलवानों ने उन खिलाड़ियों के नामों को उजागर नहीं किया था जिनका कथित तौर पर यौन उत्पीडऩ किया गया था।