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न्यू यॉर्क ( निकलेश जैन ) फीडे विश्व शतरंज ब्लिट्ज़ चैंपियनशिप का समापन गत वर्ष की अंतिम संध्या को सम्पन्न हो गया और इस बार रोचक तौर पर पुरुष वर्ग में एक की जगह हमें दो विजेता मिले , नॉर्वे के मैगनस कार्लसन और रूस के यान नेपोमनिशी शतरंज के सबसे फटाफट फॉर्मेट के सयुंक्त विजेता रहे जबकि महिला वर्ग में यह खिताब चीन की मौजूदा क्लासिकल विश्व चैम्पियन ज़ू वेंजून नें अपने नाम किया , भारत की वैशाली नें कांस्य पदक अपने नाम किया ।

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पुरुष वर्ग में क्वाटर फाइनल में मैगनस कार्लसन नें यूएसए के नीमन हंस को 2.5-1.5 से और सेमी फाइनल में पोलैंड के यान डूड़ा को 3-0 से मात देते हुए फाइनल में प्रवेश किया , वहीं रूस के यान नेपोमनिशी नें क्वाटर फाइनल में हमवतन मुरजिन वोलोदर को 2.5-0.5 से और सेमी फाइनल मे यूएसए के वेसली सो को 3-2 से पराजित करते हुए फाइनल में जगह बनाई ।

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बेस्ट ऑफ 4 के मुक़ाबले में कार्लसन नें पहले दो मुक़ाबले जीतकर 2-0 से बढ़त बना ली थी और नेपो की हार तय नजर आ रही थी पर नेपो नें शानदार वापसी करते हुए लगातार दो जीत के साथ स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया । इसके बाद टाईब्रेक के तौर पर लगातार तीन मुक़ाबले बेनतीजा रहे और उसके बाद मैगनस कार्लसन नें नेपोमनिशी को सयुंक्त विजेता बनने का प्रस्ताव दिया नेपो मान गए पर नियमानुसार परिणाम आने तक मुक़ाबले होने थे , दोनों ने यह प्रस्ताव फीडे को दिया और इसे स्वीकार कर लिया गया और दोनों को सयुंक्त विजेता घोषित कर दोया गया । इस परिणाम को लेकर दुनिया भर के दिग्गज खिलाड़ियों और शतरंज प्रेमियों के बीच एक नयी बहस छिड़ गयी है । सेमी फाइनल में हारने वाले दोनों खिलाड़ियों यान डूड़ा और वेसली सो को कांस्य पदक दिया गया और इस तरह रजत पदक किसी को मिला ही नहीं !

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महिला वर्ग में चीन की ज़ू वेंजून नें हमवतन लेई टिंगजे को एक बेहद कड़े मुक़ाबले में 3.5-2.5 से पराजित करते हुए खिताब जीतकर अपना पहला ब्लिट्ज़ खिताब हासिल कर लिया । वेंजून नें क्वाटर फाइनल में रूस की गुनिना वालेंटीना को 2.5-0.5 से और सेमी फाइनल में भारत की आर वैशाली को इसी अंतर से पराजित करते हुए फाइनल में जगह बनाई जबकि लेई टिंगजे नें कज़ाकिस्तान की बीबीसारा को 2.5-1.5 और रूस की लागनों काटेरयना को 3.5-2.5 से मत देते हुए फाइनल में जगह बनाई थी ।

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लीग चरण में शीर्ष में रहने वाली भारत की आर वैशाली को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा , पर शतरंज के इस फॉर्मेट में यह उनका पहला पदक है । भारत को कोनेरु हम्पी को भी रैपिड का स्वर्ण पदक दिया गया और इस तरह भारत नें दो  पदको के साथ टूर्नामेंट और साल का अंत किया ।