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जोधपुर (राजस्थान) : पूर्व क्रिकेटर श्रीसंत को लगता है कि तेजतर्रार ऑलराउंडर युवराज सिंह के बिना, भारत 2007 में पहला टी20 विश्व कप नहीं जीत पाता। 17 साल पहले 24 सितंबर को ही खचाखच भरे वांडरर्स स्टेडियम, जोहान्सबर्ग में भारतीय टीम ने उद्घाटन टी20 विश्व कप खिताब जीता था। भारत का मुकाबला पाकिस्तान के साथ था जहां धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने जीत दर्ज की थी। एक रोमांचक रोमांचक मुकाबले में, खिलाड़ियों के सामूहिक प्रयास ने भारत को जीत दिला दी और खिताब जीतने वाली पहली टीम बन गई।

 

 

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इस महत्वपूर्ण जीत पर विचार करते हुए श्रीसंत ने महसूस किया कि यह एक सामूहिक टीम प्रयास था और किसी एक व्यक्ति की कड़ी मेहनत नहीं थी जिसने भारत को इतिहास बनाने की अनुमति दी। हालांकि उन्होंने कहा कि यह सीनियर और जूनियर संयोजन था। धोनी कप्तान थे, लेकिन युवराज के बिना मुझे नहीं लगता कि हम विश्व कप जीत पाते। हमने सिर्फ धोनी की वजह से विश्व कप नहीं जीता। उनकी कप्तानी अच्छी थी, लेकिन याद रखना होगा कि पूरी टीम में पारिवारिक माहौल था। पूरा प्रबंधन हमारे साथ था। हमने किसी एक व्यक्ति की वजह से विश्व कप नहीं जीता। बता दें कि इसी संस्करण में युवराज चमके थे। उन्होंने ग्रुप चरण में इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में अपनी चमक दिखाई थी और छह छक्के लगाए थे।

 

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बता दें कि फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान एक समय जीत की पोजीशन में था। धोनी ने अंतिम ओवर में जुआ खेला और गेंद जोगिंदर शर्मा को दे दी। मिस्बाह-उल-हक के स्ट्राइक पर होने से पाकिस्तान लगभग जीत की कगार पर था। लेकिन पाकिस्तान का बल्लेबाज स्कूप करने गया और श्रीसंत के हाथों लपका गया, जिससे टी20 प्रारूप में भारत का दबदबा कायम हो गया।

 

श्रीसंत ने इस पर कहा कि हां, मैंने आखिरी कैच लिया था और उससे पहले मैंने अफरीदी का कैच पकड़ा था। मैंने यॉर्कर के साथ सोहेल तनवीर का नौवां विकेट लिया। इसलिए यह अच्छा लगा। यह भारत के लिए खेलने और विश्व कप जीतने का एक बड़ा मौका था। फाइनल में इरफ़ान पठान को उनके सनसनीखेज स्पेल के लिए 'मैन ऑफ द मैच' का ताज पहनाया गया।