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बर्मिघम : भारतीय टीम की कमान संभालने जा रहे जसप्रीत बुमराह इसे अपने कैरियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट से पहले महेंद्र सिंह धोनी की सीख को याद किया जिन्हें कप्तानी का कोई अनुभव नहीं होते हुए भी वह इतने सफल कप्तान बने। बुमराह को बृहस्पतिवार की सुबह ही पता चला कि वह इस मैच में कप्तान होंगे चूंकि नियमित कप्तान रोहित शर्मा का कोरोना टेस्ट फिर पॉजिटिव पाया गया।

 

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बुमराह ने कहा कि दबाव होने पर सफलता का मजा ही कुछ और होता है। मैं जिम्मेदारियों के लिए हमेशा तैयार हूं और मुझे चुनौतियां पसंद है। एक क्रिकेटर के तौर पर आप हमेशा खुद को दबाव के हालात में आंकना चाहते हैं। मैने कई क्रिकेटरों से बात की है जो समय के साथ निखरते गए हैं। उन्होंने कहा कि मुझे याद है जब मैंने एमएस (धोनी) से बात की थी। उन्होंने मुझे बताया था कि पहली बार भारत की कप्तानी करने से पहले वह किसी टीम के कप्तान नहीं थे। अब वह सबसे सफल कप्तानों में से एक माने जाते हैं। बुमराह बोले- मैं इस पर फोकस कर रहा हूं कि टीम की मदद कैसे कर सकता हूं। इस पर नहीं कि मैंने पहले क्या किया है या क्रिकेट की परंपरा या नियम कैसे बने हैं।

 

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टेस्ट क्रिकेट में जनवरी 2018 में पदार्पण करने वाले बुमराह ने कहा कि भारत के लिए टेस्ट खेलना हमेशा मेरा सपना था और टेस्ट मैच में कप्तानी करना कैरियर की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मुझे खुशी है कि मुझे यह मौका मिला। मुझे खुद पर काफी भरोसा है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम चुनौती के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा फोकस मैच पर है और हम पूरी तरह से तैयार है। खिलाडिय़ों की भूमिका काफी अहम है। विराट की सलाह काफी महत्वपूर्ण होगी।

 

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