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कानपुर : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान ग्रीन पार्क स्टेडियम के अंदर गुटखा जैसे धूम्ररहित तंबाकू उत्पादों का अप्रत्यक्ष विज्ञापन कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि कानपुर पान मसाला के उत्पादन और व्यापार के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (यूपीसीए) ने भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट के दौरान लोकप्रिय तंबाकू ब्रांड को दिए जाने वाले विज्ञापन स्थान में काफी कमी की है। ‘शिखर' और ‘शुद्ध प्लस' जैसे ब्रांड के ‘बिलबोर्ड' यहां आम हैं जबकि सीमा रेखा पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड पर ‘विमल' और ‘राज निवास' चमकते रहते हैं।


हालांकि पिछले दिनों की तुलना में इस बार ऐसे ब्रांड को कम जगह दी गई है। यह केवल प्रेस बॉक्स के दोनों ओर दर्शकों के स्टैंड पर दिखाई देता है जबकि अन्य दीर्घाओं में टायर और खाद्य मसालों जैसे विभिन्न उत्पादों के विज्ञापन हैं। ग्रीन पार्क में पहले दिख चुके कई पान मसाला ब्रांड इस बार गायब हैं लेकिन उनमें से चार के विज्ञापन अब भी यहां नजर आ रहे हैं। हालांकि यूपीसीए अधिकारियों ने कहा कि ये ब्रांड केवल ‘माउथ फ्रेशनर' का प्रचार कर रहे हैं, पान मसाले का नहीं।

 

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मैच से पहले मैदान का निरीक्षण कर अधिकारियों को दिशा निर्देश देते आयोजन स्थल के निदेशक संजय कपूर।


वेन्यू डायरेक्टर संजय कपूर ने कहा कि वे अब पान मसाले का प्रचार नहीं कर रहे हैं, वे इलायची का प्रचार कर रहे हैं। कपूर को बताया गया कि इलाइची शब्द का उल्लेख नहीं किया गया है तो क्या यह ‘सरोगेट विज्ञापन' नहीं होगा? उन्होंने कहा कि मैं इस पर क्या टिप्पणी करू? हम ऐसे उत्पादों का प्रचार नहीं करते जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हों। बस इतना ही।

 

क्या है सरोगेट विज्ञापन 
एक मार्केटिंग तकनीक है सरोगेट विज्ञापन, जिसके माध्यम से कंपनियां ऐसे उत्पादों को बढ़ावा देती हैं जिनका सीधा विज्ञापन प्रतिबंधित है। सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए) 2003, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के सीधे विज्ञापन को प्रतिबंधित करता है।