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एडीलेड : पिछले एक साल से टी20 टीम से बाहर मोहम्मद शमी खेलने के लिए मानसिक रूप से हमेशा तैयार थे क्योंकि टीम प्रबंधन और उनके बीच संवाद बना हुआ था। शमी ने आखिरी टी20 यूएई में विश्व कप के दौरान खेला था जिसके बाद तय किया गया कि वह टेस्ट और वनडे ही खेलेंगे। जसप्रीत बुमराह के फ्रेक्चर, दीपक चाहर को लगी चोट और आवेश खान के खराब फॉर्म के कारण टीम प्रबंधन को टी20 विश्व कप में शमी को बुलाना पड़ा। 

शमी ने बांग्लादेश पर पांच रन से मिली जीत के बाद मिश्रित जोन में कहा, ‘यह सब तैयारी पर निर्भर करता है। टीम प्रबंधन आपसे हमेशा तैयार रहने के लिए कहता है।' उन्होंने कहा, ‘जब टीम को जरूरत होगी, आपको बुलाया जाएगा और यह आपको हमेशा बताया जाता है। अगर आपने मेरे वीडियो देखे हों तो मैने अभ्यास कभी नहीं छोड़ा था। मैं लगातार अभ्यास कर रहा था।' 

इंग्लैंड दौरे के बाद से टीम से बाहर शमी को दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 श्रृंखलाओं के लिए टीम में शामिल किया गया लेकिन फिर वह कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए। शमी ने कहा, ‘एक प्रारूप से दूसरे के अनुकूल ढलना हमेशा आसान नहीं होता। यह इस पर निर्भर करता है कि टीम से आपका तालमेल कितना है।' उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले टी20 विश्व कप के बाद टी20 खेल रहा हूं और यह सही है कि खिलाड़ी को आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसके साथ ही अभ्यास बनाये रखना जरूरी है।' 

पहले बदलाव के रूप में गेंदबाजी कर रहे शमी ने कहा, ‘इसे आप अनुभव कह सकते हैं कि मैं हमेशा तैयार रहता हूं। मैंने हमेशा नई गेंद से गेंदबाजी की है लेकिन अभ्यास में मैं पुरानी गेंद से गेंदबाजी करता हूं। मैच के हालात में अच्छे प्रदर्शन के लिए आत्मविश्वास की जरूरत होती है।' उन्होंने कहा, ‘मेरा हमेशा से मानना है कि अपने हुनर पर भरोसा होना चाहिए। दबाव के पलों में शांत रहना जरूरी है और अनुभव तो काम आता ही है।' अर्शदीप सिंह को आखिरी ओवर दिए जाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश को 20 रन की जरूरत थी और कप्तान ने उसे चुना क्योंकि उसके यॉर्कर सही लग रहे थे और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ाना था।'