नई दिल्ली : भारत की पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह के पास दो ओलंपिक कांस्य पदक हैं, लेकिन उन्हें विश्व कप में पदक नहीं जीत पाने का मलाल है और वह इस कमी को 2026 में होने वाले टूर्नामेंट में पूरा करना चाहते हैं। भारत ने विश्व कप में अभी तक तीन पदक जीते हैं। उसने 1971 (बार्सिलोना) में कांस्य, 1973 में रजत (एम्स्टेलवीन, नीदरलैंड) और अजीत पाल की अगुवाई में 1975 (कुआलालंपुर) में स्वर्ण पदक जीता था।
हरमनप्रीत तोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। पेरिस खेलों में वह टीम के कप्तान भी थे। वह 2016 में लखनऊ में जूनियर विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी थे। हरमनप्रीत ने कहा कि हमारा लक्ष्य हमेशा ओलंपिक में स्वर्ण पदक और विश्व कप में पदक जीतना होगा। हमने पेरिस में जिस तरह से प्रदर्शन किया उससे पता चलता है कि हम किसी भी शीर्ष टीम का सामना करके जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा तात्कालिक लक्ष्य एफआईएच प्रो लीग के मैच हैं। हम एशिया कप में जीत दर्ज करते विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करना चाहते हैं। हमने लंबे समय से विश्व कप में पदक नहीं जीता है और मैं अपने करियर में इसे जीतना चाहता हूं।
हरमनप्रीत ने कहा कि उम्मीद है कि हम अपने करियर के दौरान उन सुनहरे दिनों को फिर से जी सकेंगे। जब तक हम इसे हासिल नहीं कर लेते, हम हार नहीं मानेंगे। जहां तक हरमनप्रीत के व्यक्तिगत लक्ष्य की बात है तो वह अपने ड्रैग-फ्लिक कौशल को बेहतर बनाना चाहते हैं और अपने करियर को लंबा करने के लिए फिट रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रैग-फ्लिक दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है और मेरा लक्ष्य अपने कौशल में लगातार सुधार करना और फिट बने रहना है।