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एलेक्ज़ेंड्रिया, वर्जीनिया ,अमेरिका ( निकलेश जैन ) –  विश्व चंपोइओन डी गुकेश और प्रज्ञानन्दा के स्कूल के नाम से पहचान रखने वाले भारत की वेलम्मल एमएचएस स्कूल चेन्नई ने एक बार फिर अपने शतरंज प्रभुत्व का प्रदर्शन करते हुए 2025 फीडे विश्व स्कूल्स टीम चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया। अमेरिका के एपिस्कोपल हाई स्कूल के सुंदर परिसर में आयोजित इस प्रतियोगिता में विश्वभर से युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ियों ने भाग लिया। आठ राउंड में सभी मैच जीतकर वेलम्मल एमएचएस ने स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा जमाया।

यह जीत भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और बड़ी सफलता है। वेलम्मल स्कूल इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित खिताब जीत चुका है, और इस स्कूल के पूर्व छात्र ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ,आर. प्रग्गानंधा और लियॉन मेंडोंका जैसे नाम आज विश्व शतरंज में प्रसिद्ध हैं। प्रतियोगिता के अंतिम राउंड में वेलम्मल पहले ही अपराजेय बढ़त बना चुका था।

दूसरे स्थान के लिए संघर्ष बेहद रोमांचक रहा, जहां सात टीमें आखिरी राउंड तक रेस में थीं। अंततः कजाखस्तान के 'नेशनल स्कूल ऑफ फिजिक्स एंड मैथेमैटिक्स' ने रजत पदक जीता। अमेरिका की 'द हार्कर स्कूल' ने भी समान अंक अर्जित किए, पर टाईब्रेक में तीसरे स्थान पर रही। चौथे स्थान पर कजाखस्तान की ही 'अस्ताना 2 आरएसपीएम' रही।

व्यक्तिगत प्रदर्शन भी शानदार

प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को बोर्ड मेडल भी प्रदान किए गए। तीन खिलाड़ियों ने 8 में से 8 जीतकर परफेक्ट स्कोर बनाया – कजाखस्तान के इमांगाली अखिलबाए (बोर्ड 2), किर्गिस्तान की एदिसा बेरदीबाएवा (बोर्ड 3), और भारत के प्रणव के. पी. (रिजर्व बोर्ड), जिन्होंने वेलम्मल एमएचएस स्कूल की ओर से खेला।

जैसे ही वेलम्मल एमएचएस स्कूल के विजेता घोषित हुए, भारतीय राष्ट्रगान की धुनों के बीच मंच पर भारतीय ध्वज लहराया गया और खिलाड़‍ियों पर रंग-बिरंगे कंफ़ेटी की बौछार हुई। इसी के साथ इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता का समापन हुआ, जो न केवल खेल कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि वैश्विक एकता, मित्रता और शतरंज  के उज्ज्वल भविष्य का संदेश भी लेकर आया।