गोवा ( निकलेश जैन ) गोवा में चल रहे शतरंज विश्व कप 2025 में दूसरे दौर में ही बाहर होने के बाद रूस के ग्रैंडमास्टर इयान नेपोमिनसी द्वारा उठाए गए विवादित आरोपों के बीच, भारतीय ग्रैंडमास्टर पेंटाला हरिकृष्णा और यूक्रेनी शतरंज दिग्गज वैसिली इवांचुक ने आयोजकों का समर्थन किया है।

उक्रेन के 56 वर्षीय महान खिलाड़ी इवांचुक जिन्हे आज भी दुनिया के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में गिना जाता है उन्होने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "बेहतरीन, बेहतरीन, बेहतरीन। मैं आयोजकों और निर्णायकों का धन्यवाद देना चाहता हूं। माहौल बिल्कुल सही था, मुझे किसी बात की शिकायत नहीं है। मेरा खेल मेरा निर्णय और मेरी जिम्मेदारी थी, इसका आयोजन से कोई लेना-देना नहीं।" इवांचुक दूसरे राउंड में हारने के बाद भी टूर्नामेंट की तारीफ करते नजर आए।

वहीं, भारतीय ग्रैंडमास्टर पेंटाला हरिकृष्णा ने नेपोम्नियाची की आलोचना पर कहा कि अगर उन्हें वाकई कोई शिकायत थी तो उन्हें इसे सीधे आयोजकों या फीडे के सामने उठाना चाहिए था न कि अस्पष्ट टिप्पणियां कर जनता के बीच विवाद पैदा करना चाहिए था। उन्होंने कहा, "ऐसे बड़े टूर्नामेंट का आयोजन करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण होता है और इसे आसान नहीं समझा जाना चाहिए।"हरीकृष्णा नें कहा की गोवा में मौजूद प्रसंशकों नें उनका उत्साह बढ़ाया है और अब तक उनके लिए विश्व कप हर लिहाज से सकारात्मक रहा है ।
हरिकृष्णा खुद भी विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और हाल ही में उन्होंने बेल्जियम के डेनियल धरधा को जीतते हुए भारत का मान बढ़ाते हुए चौंथे दौर में प्रवेश कर लिया है ।
इस तरह दो दिग्गज खिलाड़ियों ने नेपोम्नियाची के आलोचनात्मक बयानों के विपरीत भारत में शतरंज विश्व कप 2025 के आयोजनों की सराहना की है, जिससे विवाद और चर्चा के बीच आयोजकों को मजबूती मिली है।
वैसिली इवांचुक ने ब्लिट्ज और रैपिड विश्व चैंपियनशिप जीतने सहित विश्व के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट्स में खिताब जीते हैं, जबकि पेंटाला हरिकृष्णा भारत के वर्तमान में सबसे अनुभवी ग्रैंडमास्टर हैं और उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम किए हैं।
यह दोनों खिलाड़ियों के बयान विश्व कप आयोजकों के प्रति समर्थन के रूप में देखे जा रहे हैं जो इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी को सफल बनाने में लगे हुए हैं।
पहले भी भारत पर सवाल उठा चुके है नेपोमिनसी - रूस के शीर्ष खिलाड़ी यान नेपोमिनसी पहले भी 2020 में भारत के ऑनलाइन ओलंपियाड में सयुंक्त विजेता घोषित किए जाने पर सवाल उठा चुके है उसके अलावा भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्रा के सबसे कम उम्र के ग्रांड मास्टर बनने पर उन्होने उनकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे ।