मुंबई : विश्व कप ट्रॉफी रोहित शर्मा के लिए नहीं थी लेकिन भारत के ‘निडर कप्तान' ने मैदान पर अपना सब कुछ झोंक दिया जबकि मोहम्मद शमी ने टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे अधिक बार पारी में 5 या इससे अधिक विकेट चटकाने का रिकॉर्ड बनाया। भारत के विश्व कप अभियान में विराट कोहली ने एक टूर्नामेंट में 765 रन बनाकर इतिहास रचा और इस दौरान 50वां एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय शतक बनाकर महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के सर्वाधिक एकदिवसीय शतक के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। इनके अलावा दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डिकॉक और हेनरिक क्लासेन तथा न्यूजीलैंड के रचिन रविंद्र का बल्ला भी खूब बोला। विश्व कप 2007 के लिए अब नए चक्र की शुरुआत होगी तो नजर डालते हैं हाल में संपन्न विश्व कप में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों पर।
रोहित शर्मा
अहमदाबाद में फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह विकेट की हार के साथ 50 ओवर के विश्व कप में रोहित का सफर खत्म हो गया लेकिन जब वह पीछे मुड़कर देखेंगे तो उन्हें अपने प्रदर्शन पर गर्व होगा। रोहित ने पूरे टूर्नामेंट में निडर बल्लेबाजी का नजारा पेश किया और 11 मैच में 54.27 के औसत और 125.94 के स्ट्राइक रेट से 597 रन बनाए जो एकदिवसीय विश्व कप के इतिहास में किसी भारतीय कप्तान का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 86 रन बनाकर भारत की जीत की राह आसान की तो नीदरलैंड के खिलाफ 136 रन बनाकर टीम की जीत की नींव रखी। रोहित को हालांकि मौजूदा विश्व कप में अगर याद किया जाएगा तो शीर्ष क्रम पर उनकी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जिसने अधिकतर मैचों में भारत की राह आसान की। रोहित कई बार अर्धशतक पूरा करने से चूक गए लेकिन उनकी आक्रामक पारियों से मध्यक्रम के बल्लेबाजों को नजरें जमाने के लिए समय मिला।
मोहम्मद शमी
हार्दिक पंड्या के चोटिल होने के कारण भारत को जब अपनी ‘बी' योजना पर उतरना पड़ा तो शमी को चार मैच के बाद खेलने का मौका मिला। ‘स्पेशल शमी' हालांकि इस चुनौती पर खरे उतरे और सात मैच में 10 से कुछ अधिक की औसत से 24 विकेट चटकाकर टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बने। ‘अमरोहा एक्सप्रेस' के नाम से मशहूर शमी ने अपनी सटीक गेंदबाजी और सीम मूवमेंट से दिग्गज बल्लेबाजों को धराशायी किया। उन्होंने सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 57 रन पर सात विकेट चटकाए जो इस प्रारूप में किसी भारतीय गेंदबाज का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
रचिन रविंद्र
न्यूजीलैंड के इस ऑलराउंडर को ‘टूर्नामेंट की खोज' कहा जा सकता है। भारतीय मूल के तेइस साल के इस खिलाड़ी ने विश्व कप कप में 10 मैच में तीन शतक और दो अर्धशतक से 64.22 की औसत से 578 रन बनाए। उन्होंने विश्व कप के पहले मैच में इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 123 रन बनाकर शुरुआत की और फिर ऑस्ट्रेलिया (116) और पाकिस्तान (108) के खिलाफ भी शतक मारे।
क्विंटन डिकॉक
दक्षिण अफ्रीका का यह विकेटकीपर बल्लेबाज 50 ओवर के क्रिकेट में अंतिम बार खेल रहा था और उन्होंने विश्व कप 2023 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। डिकॉक ने 10 मैच में चार शतक की मदद से 59.40 की औसत से 594 रन बनाए और एक विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। डिकॉक ने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से दक्षिण अफ्रीका को सेमीफाइनल में पहुंचाया। मुंबई में बांग्लादेश के खिलाफ उनकी 174 रन की पारी विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज की ओर से दूसरा सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर है।
एडम जंपा
ऑस्ट्रेलिया की स्टार खिलाड़ियों से सजी टीम में जंपा सबसे बड़ा नाम नहीं हैं लेकिन वह विश्व कप में टीम के सबसे प्रभावी गेंदबाज रहे। यह लेग स्पिनर 11 मैच में 23 विकेट के साथ शमी के बाद टूर्नामेंट का दूसरा सबसे सफल गेंदबाज रहा। जंपा ने नीदरलैंड के खिलाफ आठ, पाकिस्तान के खिलाफ 53 और श्रीलंका के खिलाफ 47 रन देकर चार-चार विकेट चटकाए। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भी 21 रन देकर तीन विकेट हासिल किए।