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बेंगलुरु : भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा है कि सैफ चैंपियनशिप 2023 के आखिरी ग्रुप-ए मैच में कुवैत के साथ खेला गया ड्रॉ उन्हें हार जैसा प्रतीत हुआ। छेत्री ने अपना 92वां अंतरराष्ट्रीय गोल जमाया लेकिन अनवर अली के आत्मघाती गोल की बदौलत भारत और कुवैत के बीच मंगलवार को मुकाबला 1-1 की बराबरी पर छूटा। आखिरी बार भारत ने कुवैत के साथ 2010 में एक अंतरराष्ट्रीय मैत्री मैच खेला था, जहां ब्लू टाइगर्स को 9-1 की करारी हार मिली थी। उस परिणाम के बाद कुवैत को बराबरी पर रोकना निश्चित रूप से एक सुधार रहा, हालांकि छेत्री इस नतीजे से संतुष्ट नहीं थे। 

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मन में जो भावना आती है वह हार की है, क्योंकि हमने आखिरी मिनटों में उन्हें गोल करने दिया। मुझे यकीन है कि हमने बहुत सारी अच्छी चीजें कीं। जब हम वीडियो विश्लेषण देखेंगे, तो हमें बेहतर पता चलेगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम काफी हद तक वह कर सकते हैं जिसके लिये हमने प्रशिक्षण लिया था। वे कोई आसान टीम नहीं है। यह टीम खेलना जानती है और हम यह देख सकते हैं। मुझे लगता है कि हमने अधिकांश समय अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अभी मैं इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। एक बार जब हम वीडियो देखेंगे तो शायद हम इसे बेहतर तरीके से जान पाएंगे।''

कुवैत के खिलाफ मैच उद्दंडता से भरा रहा, जिसमें भारत के मुख्य कोच इगोर स्टिमाच को असहमति के लिये लाल काडर् देखना पड़ा। यह टूर्नामेंट में स्टिमाच का दूसरा लाल कार्ड था, जबकि इससे पहले उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ भी लाल कार्ड मिला था। जब स्टिमाच को 81वें मिनट में लाल काडर् मिला तब तक छेत्री को स्थानापन्न किया जा चुका था। यह पूछे जाने पर कि वास्तव में वहां क्या हुआ, छेत्री ने कहा, ‘‘मुझे कोई अंदाज़ा नहीं है। मैं वहां देर से पहुंचा। हमने इसके बारे में बात नहीं की है। हम आम तौर पर मैच के तुरंत बाद खेल के बारे में बात नहीं करते हैं। हम आराम करेंगे और फिर देखेंगे।'' भारत के सहायक कोच महेश गवली ने कुवैत मैच के दौरान रेफरी के बर्ताव की कड़ी आलोचना की और सैफ से रेफरियों के मानक को बढ़ाने का आग्रह किया था। छेत्री हालांकि कोचिंग के स्तर पर बात करने से बचते नज़र आये। छेत्री ने कहा, ‘‘मैं हमेशा कुछ भी कहता हूं तो परेशानी में पड़ जाता हूं। इसलिए अगर सहायक कोच ने कुछ कहा है, तो आप उनकी बात मान लीजिए।''