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स्पोर्ट्स डेस्क : विजय हजारे ट्रॉफी ग्रुप ए के मैच में मुंबई ने गोवा को 130 रन से हराकर विजय प्राप्त की। इस दौरान मुंबई के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल 123 गेंदों पर 113 रनों की शानदार पारी की बदौलत खासी सुर्खियां बटौरी। यशस्वी ने इस दौरान 5 छक्के और 6 चौके लगाए। क्रिकेट में करियर बनाने की चाह लेकर छोटी उम्र में मुंबई आए यशस्वी ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। घर में पैसे की कमी के चलते यशस्वी ने गोलगप्पे की रेहड़ी लगाई, कई रातें भूखा सोया और करीब तीन साल तक टैंट में अपना जीवन व्यतीत किया। आइए जानते हैं यशस्वी के संघर्ष की कहानी - 

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पैसे की कमी के चलते छोड़ा घर 

यशस्वी बचपन से ही क्रिकेट बनना चाहता था इसी लिए वह कम उम्र में ही यूपी से मुंबई अपने चाचा के पास चले गए। घर की माली हालत के कारण उनके पिता के लिए घर चलाना मुश्किल था जिस कारण उन्होंने भी यशस्वी को रोका नही। लेकिन ये भी अभी शुरुआत थी क्योंकि उनके चाचा के पास मुंबई में इतनी जगह नहीं थी कि वह उनके साथ रह सके। 

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3 साल तक टैंट में रहे यशस्वी 

मुंबई चाचा के घर में रहने की जगह ना होने के कारण यशस्वी मुस्लिम यूनाइटेड क्लब से जुड़ गए। इस क्लब से जुड़ने के बाद उन्हें रहने के लिए एक टैंट मिल गया और तीन साल उन्होंने यहीं रहे। 

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गोलगप्पे बेचे और भूखे रहे 

यशस्वी के पिता कई बार उसे घर से पैसे भेजते थे लेकिन वे काफी नहीं होते थे। जिस कारण यशस्वी ने पैसों के लिए कई काम किए। इसमें से एक गोलगप्पे बेचना भी था। वह राम लीला के समय आज़ाद मैदान पर गोलगप्पे की रेहड़ी लगाते थे। लेकिन इसके भी उनका गुजारा नहीं होता था और मजबूरन कई बार रातों को उन्हें भूखा सोना पड़ता था। 

कोच ज्‍वाला सिंह से मुलाकात ने बदली जिंदगी

संघर्ष के इस समय के दौरान भी यशस्वी ने क्रिकेट नहीं छोड़ा और एक दिन उनकी मुलाकात स्‍थानीय कोच ज्‍वाला सिंह से हुई। कोच ज्‍वाला सिंह से यशस्वी की मुलाकात उनकी जिंदगी के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई और उसकी जिंदगी पलट गई। इसके बाद वह क्रिकेट में कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ता गया और आज विजय हजारे ट्राॅफी में नामी खिलाड़ियों के साथ खेल रहा है।

मुंबई बनाम गोवा मैच का हाल

मुंबई ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सलामी बल्लेबाज यशस्वी जयसवाल (113) की शतकीय पारी और आदित्य तारे (86) की बदौलत 362 रन बनाए। इस दौरान मुंबई के कप्तान श्रेयस अय्यर ने 29 गेंद में 47 रन जड़े। इसके बाद लक्ष्य का पीछा करने उतरी गोवा की टीम को मुंबई के गेंदबाजों ने 48.1 ओवर में 232 रन पर ही रोक दिया और मैच को अपने नाम कर लिया।