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लाहौर : पाकिस्तान के गेंदबाज़ी कोच शॉन टेट का कहना है कि उनका काम है अपने गेंदबाजों में तीव्रता और आक्रामकता लौटाना और उन्हें अपनी प्रतिभा के बारे में याद दिलाना है। टेट का कहना है कि उनके लिए यह पद उन जैसे व्यक्ति के लिए 'आदर्श' है।

शॉन टेट ने तीसरे टेस्ट से पहले कहा कि पाकिस्तान की कई खूबियों में शायद सबसे बड़ी है कि यहां अच्छे तेज गेंदबाज उभरते हैं। किसी गेंदबाज़ी कोच के लिए यह आदर्श है, क्योंकि आपको प्रतिभाशाली युवाओं के साथ काम करने को मिलता है। इनमें अनुभव भी है लेकिन इनकी उम्र काफ़ी कम है। पिछले एक सप्ताह में इन्हें क़रीब से देखना और समझना ही मेरे लिए काफ़ी मज़ेदार रहा है और उम्मीद है मैं इनकी मदद कर सकता हूं। 

टेट ने कहा कि मुझे कोई विशिष्ट काम नहीं बताया गया है लेकिन जब आप (बल्लेबाज़ी कोच) मैथ्यू हेडन की आक्रामकता की बात करते हैं तो मेरे लिए भी क्रिकेट की शैली ठीक वैसी ही है। तीव्रता और आक्रामकता तेज गेंदबाजी का अभिन्न अंग है और मैं इन लड़कों को यही सिखा सकता हूं। 

टेट ने क्रिकेट से 2017 में संन्यास लेने के बाद कुछ देर अफगानिस्तान टीम के साथ काम किया था। उसके बाद पाकिस्तान के साथ उनका एक साल का अनुबंध हाल ही में शुरू हुआ था। वैसे तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम के साथ शुरू से ही रहना था लेकिन पारिवारिक कारणों से उन्होंने टीम को कराची में ही ज्वॉइन किया। 

टीम के तेज गेंदबाजों पर उन्होंने कहा कि इनमें कोई कमज़ोरी नहीं है, और इस बात की चर्चा यहां ही नहीं ऑस्ट्रेलिया में भी होती है कि पाकिस्तान के पास कितने अच्छे तेज गेंदबाज हैं। यहां मेरा काम होगा इन्हें याद दिलाना कि इनमें कितनी प्रतिभा है। कई खिलाड़ी तो कुछ सालों से अंतररष्ट्रीय क्रिकेट में है तो कुछ अपनी शुरुआत कर रहे हैं। यदि एक साल में इनसे अच्छे परिणाम आपको देखने को मिलें तो शायद मैं समझूंगा मैंने इन्हें याद दिलाया है कि यह कितने प्रभावशाली हैं। 

ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद पाकिस्तान श्रीलंका का दौरा करेगा, जिसके बाद एशिया कप आयोजित होगा और फिर ऑस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप। बाद में इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड से भिड़ना भी बाकी है साल के अंत तक। टेट ने कहा कि इतना व्यस्त अंतररष्ट्रीय सत्र शायद ही पहले कभी एक साल में हुआ है। तीनों प्रारूप में काफी सारा क्रिकेट खेला जाएगा और यह टीम के साथ जुड़ने का उचित समय है। मैंने अंतररष्ट्रीय क्रिकेट के तीनों प्रारूप खेलें हैं और मैं इनका दबाव समझ सकता हूं। मेरा काम होगा खिलाड़यिों को इस दबाव से दूर रखने का।

कराची टेस्ट में पाकिस्तान के गेंदबाजों की आलोचना पर उन्होंने कहा कि गेंदबाजी में कोई ख़राबी नहीं थी। नतीजों से साफ़ है कि इन विकेटों पर तेज़ गेंदबाजों के लिए काफ़ी मुश्किलें हैं। टेस्ट क्रिकेट में ऐसा हो सकता है और हम अभी नहीं कह सकते अगले मैच में परिस्थितियां कैसी होंगी।