स्पोर्ट्स डेस्क: महाराष्ट्र के नए ओपनर पृथ्वी शॉ ने रणजी ट्रॉफी 2025-26 में शानदार अंदाज में वापसी की है। चंडीगढ़ के खिलाफ खेले जा रहे मुकाबले में उन्होंने सिर्फ 72 गेंदों में शतक ठोक दिया, जो टूर्नामेंट के इतिहास में छठा सबसे तेज शतक है।
यह पारी उनके लिए खास थी क्योंकि वह पिछले कुछ महीनों से खराब फॉर्म और चयन विवादों से जूझ रहे थे। लेकिन इस धमाकेदार शतक ने यह साफ कर दिया कि शॉ अभी भी घरेलू क्रिकेट के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज़ों में से एक हैं।
महाराष्ट्र की पारी की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। शुरुआती विकेट गिरने के बाद चंडीगढ़ के गेंदबाज़ हावी थे। इसी समय शॉ ने मैदान संभाला और सिर्फ 40 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद उन्होंने गियर बदलते हुए चौकों-छक्कों की बरसात कर दी। उनकी पारी में 17 चौके और 2 छक्के शामिल रहे।
इस साल की शुरुआत में पृथ्वी शॉ ने मुंबई क्रिकेट संघ से NOC लेकर महाराष्ट्र का रुख किया था। यह फैसला काफी चर्चा में रहा, क्योंकि मुंबई शॉ का घरेलू घर माना जाता था। यह पारी उनके लिए कमबैक ट्रेलर साबित हो सकती है। अगर वह आने वाले मुकाबलों में इसी तरह फॉर्म जारी रखते हैं, तो राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की निगाहें जरूर उन पर टिकेंगी।
गौर है कि रणजी इतिहास का सबसे तेज शतक अब भी ऋषभ पंत के नाम है (48 गेंदों में, 2016-17 सीजन)। लेकिन शॉ का नाम अब उसी एलीट लिस्ट में जुड़ गया है, जिसमें वीरेंद्र सहवाग, पंत और यशस्वी जायसवाल जैसे बल्लेबाज शामिल हैं।