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नई दिल्ली : अर्जुन पुरस्कार पाने वालों की सूची में नाम नहीं आने से निराश भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी एचएस प्रणय ने आरोप लगया कि पुरस्कारों के लिए ऐसे लोगों से पहचान जरूरी है जो नामांकन को मैदान के प्रदर्शन से ज्यादा तव्वजो दिला सके। प्रणय की तरह देश का प्रतिनिधित्व करने वाले बी साई प्रणीत को अर्जुन पुरस्कारों के लिए चुना गया है। उनके अलावा भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने युगल विशेषज्ञ मनु अत्री के नाम की सिफारिश की थी जिसे 12 सदस्यीय चयन समिति ने तव्वजो नहीं दी।

प्रणय ने ट्वीट किया, ‘अगर आप चाहते है कि आपका नाम भी पुरस्कारों की सूची में हो तो यह सुनिश्चित करें कि आपके साथ ऐसे लोग हों जो सूची में आपका नाम डलवा सके। हमारे देश में प्रदर्शन को सबसे कम तवज्जो मिलती है। देश के लिए यह दुख की बात है लेकिन आप कुछ नहीं कर सकते है। यह सब छोड़कर जब तक आप खेल सकते है खेलें।' उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘शायद यह प्रदर्शन काफी नहीं है। समिति के मुताबिक मेरे प्रदर्शन उस स्तर का नहीं था।' बीएआई के सूत्रों ने हालांकि बताया कि अर्जुन पुरस्कार के लिए प्रणय के नाम की सिफारिश ही नहीं की गयी थी क्योंकि उन्होंने पिछले साल दमदार प्रदर्शन नहीं किया था।

बीएआई के इस सत्र ने कहा, ‘बीएआई ने अर्जुन पुरस्कार के लिए साई प्रणीत और मनु अत्री की सिफारिश की थी। प्रणय ने भी अपना आवेदन भेजा था, लेकिन पिछले साल दमदार प्रदर्शन नहीं होने के कारण इस पर विचार नहीं किया गया।' प्रणय ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। 27 साल के इस खिलाड़ी ने 2018 एशियाई चैम्पियनशिप के पुरूष एकल में कांस्य पदक हासिल किया था। उन्होंने 2016 एशियाई टीम चैम्पियनशिप के पुरूष स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था। पिछले साल मई में वह बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में आठवें पायदान पर पहुंचे थे। दिशानिर्देशों के अनुसार पुरस्कार की पात्रता के लिये एक खिलाड़ी का पुरस्कार वाले वर्ष में बेहतरीन प्रदर्शन के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले चार वर्षों में लगातार अच्छा प्रदर्शन होना जरूरी है। इसके साथ ही उसमें नेतृत्वक्षमता, खेल भावना और अनुशासन के गुण भी होने अनिवार्य हैं।