नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन से प्रभावित पाकिस्तान के महान सेंटर फॉरवर्ड हसन सरदार ने हरमनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली टीम को एक ही सलाह दी है, ‘विजेता की तरह खेलो और तुम्हें स्वर्ण जीतने से कोई नहीं रोक सकता।'
लॉस एंजिलिस ओलंपिक 1984 में पाकिस्तान को स्वर्ण पदक दिलाने में सूत्रधार रहे सरदार ने कहा, ‘जब हॉकी या क्रिकेट में पाकिस्तान नहीं खेल रहा होता है तो मैं हमेशा भारत का समर्थन करता हूं। यह भारत की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से है जिसमें काफी सुधार आया है और जो यूरोपीय टीमों को कड़ी टक्कर दे रही है।' उन्होंने कहा, ‘इस टीम के पास 1980 के बाद ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्ण जीतने का सुनहरा मौका है और मुझे लगता है कि वे जीतेंगे।'
इस यकीन के साथ सेमीफाइनल में उतरें
उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके प्रदर्शन से मैं काफी प्रभावित हुआ। भारतीय टीम अच्छी है और उसे दिमाग में यह बिठाकर खेलना है कि हम जीत सकते हैं। इस स्तर पर मानसिक तैयारी का ही फर्क होता है।' ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1984 ओलंपिक सेमीफाइनल की अपनी तैयारियो को याद करते हुए 66 वर्ष के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘हमने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। टीम बैठकों में हमने इस पर बात की और हमें यकीं था कि हम उन्हें हरा सकते हैं। भारत को भी यह यकीन लेकर सेमीफाइनल में जर्मनी के खिलाफ उतरना होगा।'
भारतीय टीम ने रविवार को क्वार्टर फाइनल में अमित रोहिदास को रेडकार्ड मिलने के बाद लगभग 40 मिनट दस खिलाड़ियों के साथ खेलने के बावजूद पेनल्टी शूटआउट में ब्रिटेन को 4-2 से हराया। दिल्ली एशियाई खेल 1982 के फाइनल में हैट्रिक लगाकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान की 7-1 से जीत के नायक रहे सरदार ने कहा, ‘दस खिलाड़ियों के साथ खेलना हमेशा कठिन होता है लेकिन भारत ने शानदार प्रदर्शन किया। खासकर कप्तान जबर्दस्त फॉर्म में है। इस जीत से उनका मनोबल काफी बढ़ा होगा और अब उन्हें बस स्वाभाविक खेल दिखाना है।'
उन्होंने कहा, ‘हमने जब भारत को एशियाई खेलों के फाइनल में भारत में हराया था तो हमारा फोकस बढ़त बनाने और उसे दुगुनी करने पर था। दोनों टीमें अच्छा खेली लेकिन हम खुशकिस्मत थे कि इतने गोल कर सके।' भारत ने आखिरी बार ओलंपिक स्वर्ण 1980 में मॉस्को में और आखिरी रजत 1960 में रोम ओलंपिक में जीता था। अब पेरिस में उनके पास इतिहास रचने का मौका है।
जर्मनी को जवाबी हमले या वापसी का मौका कतई नहीं दें
जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल के लिए उन्होंने भारत को सलाह दी है कि उसे जवाबी हमले या वापसी का मौका कतई नहीं दें। उन्होंने कहा, ‘जर्मन टीम काफी कठिन प्रतिद्वंद्वी है। वे जबरदस्त वापसी करते हैं और शारीरिक रूप से बहुत मजबूत हैं। आप उन्हें शॉर्ट पास से ही हरा सकते हैं। पहला गोल करना जरूरी है और उन्हें वापसी से रोकना भी। भारतीय डिफेंस काफी मजबूत है और मुझे यकीन है कि वह ऐसा कर सकेगा।'
श्रीजेश इसे स्वर्ण के साथ यादगार बना दो
सरदार ने कहा, ‘जर्मनी का पेनल्टी कॉर्नर भी भारत की तरह मजबूत नहीं है। भारत के पास हरमनप्रीत जैसा पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ है जो सात गोल कर चुका है। उन्हें पीसी पर ज्यादा से ज्यादा गोल करने होंगे।' उन्होंने अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे गोलकीपर पी आर श्रीजेश को भी शुभकामनाएं देते हुए कहा, ‘श्रीजेश से मैं इतना ही कहूंगा कि ऐसे ही खेलते रहो। यह तुम्हारा आखिरी टूर्नामेंट है और इसे स्वर्ण के साथ यादगार बना दो।
भारत सरकार और हॉकी इंडिया को दिया श्रेय
ऑस्ट्रेलिया और बेल्जियम बाहर है तो भारत के पास इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता।' उन्होंने भारतीय हॉकी का पुराना गौरव लौटाने का श्रेय भारत सरकार और हॉकी इंडिया को दिया। उन्होंने कहा, ‘भारत के पास बेहतरीन खिलाड़ी तो हैं ही, इसके साथ ही भारत सरकार, पंजाब और ओडिशा सरकार ने हॉकी की काफी मदद की है। भारत सरकार ने जमीनी स्तर पर हॉकी पर काम किया है। पाकिस्तान हॉकी में अभी काफी चीजों की कमी है जिसकी वजह से हम ओलंपिक में नहीं है।'