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हैमिल्टन : न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को जुलाई में लार्ड्स में आईसीसी विश्व कप फाइनल में विवादास्पद हालात में हार के बाद शानदार खेल भावना दिखाने के लिए क्रिस्टोफर मार्टिन-जेनकिन्स स्पिरिट आफ क्रिकेट पुरस्कार से नवाजा गया। केन विलियमसन और उनकी टीम उस समय विश्व कप खिताब जीतने से चूक गए जब इंग्लैंड ने ओवरथ्रो पर दिए गए विवादास्पद छह रन की बदौलत खिताब मुकाबले को सुपर ओवर में खींचा और फिर सुपर ओवर भी टाई रहने पर बाउंड्री गिनने के नियम के आधार पर पहली बार चैंपियन बना।

इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हैमिल्टन के सेडन पार्क में ड्रा हुए दूसरे टेस्ट के दौरान मेजबान टीम को यह पुरस्कार दिया गया। एमसीसी अध्यक्ष कुमार संगकारा ने न्यूजीलैंड की टीम की तारीफ करते हुए कहा, ‘न्यूजीलैंड की टीम इस पुरस्कार की हकदार है। उस लम्हे की गहमागहमी में भी उन्होंने खेलभावना का शीर्ष स्तर दिखाया।' उन्होंने कहा, ‘यह उनकी टीम की विरासत है जो उस मैच में खेले गए क्रिकेट के लंबे समय तक लोगों के जेहन में रहने के बावजूद हम अब भी क्रिकेट भावना की बात कर रहे हैं।' 

न्यूजीलैंड के 242 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड को अंतिम तीन गेंद में नौ रन की दरकार थी जब मार्टिन गुप्टिल का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री पार चला गया और अंपायर ने इंग्लैंड को छह रन दे दिए। अंपायरों ने बल्लेबाजों के भाग कर लिए दो रन को भी जोड़ा। इस फैसले से इंग्लैंड ने मैच टाई कराया जिससे यह मुकाबला सुपर ओवर में खिंचा। सुपर ओवर भी टाई रहा जिसके बाद इंग्लैंड ने अधिक बाउंड्री लगाने के कारण खिताब जीता।

क्रिकेट से जुड़े नियम बनाने वाले मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने बाद में कहा कि वह ओवर थ्रो से जुड़े नियमों की समीक्षा करेगा। आईसीसी के एलीट पैनल के पूर्व अंपायर साइमन टोफेल का हालांकि मानना था कि अंपायरों को छह की जगह पांच रन देने चाहिए थे। यह पुरस्कार एमसीसी और बीबीसी ने 2013 में एमसीसी के पूर्व अध्यक्ष और बीबीसी के टेस्ट मैच के विशेषज्ञ कमेंटेटर मार्टिन-जेनकिन्स की याद में शुरू किया था।