स्टॉकहोम : सत्र की दमदार शुरूआत करने के बाद ओलिम्पिक चैम्पियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा डायमंड लीग में पहली बार पदक जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। चोपड़ा ने तुर्कु में पावो नुरमी खेलों में 89.30 का थ्रो फेंककर रजत पदक जीता और कुओर्ताने खेलों में 86.60 मीटर के साथ शीर्ष रहे। फिनलैंड में हुए इन दोनों टूर्नामेंटों में मुकाबला कड़ा था। कुओर्ताने में तो बारिश के कारण फिसलन की वजह से तीसरे प्रयास में चोपड़ा गिर भी गए थे लेकिन तुरंत खड़े होकर चोटिल हुए बिना खिताब जीता।
ज्यूरिख में अगस्त 2018 में 85.73 मीटर थ्रो करके चौथे स्थान पर रहने के बाद चोपड़ा पहली बार डायमंड लीग में खेलेंगे। वह 7 डायमंड लीग खेल चुके हैं जिनमें तीन 2017 में और चार 2018 में खेली थी लेकिन इसमें पदक नहीं जीत पाए। 2 बार चौथे स्थान पर रहे हैं। अमरीका में अगले महीने होने वाली विश्व चैम्पियनशिप से पहले चोपड़ा के लिये यह सबसे बड़ा टूर्नामेंट है। इसमें टोक्यो ओलिम्पिक के तीनों पदक विजेता मैदान में होंगे।
मौजूदा दौर के भालाफेंक खिलाडिय़ों में सबसे ज्यादा बार 90 मीटर की बाधा पार करने वाले जर्मनी के जोहानेस वेटर चोट के कारण बाहर हैं। कुओर्ताने में स्वर्ण जीतने के बाद चोपड़ा यहां से 100 किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित उपसाला में अभ्यास कर रहे हैं। वह डायमंड लीग के बाद और 15 जुलाई से होने वाली विश्व चैम्पियनशिप से पहले कोई और टूर्नामेंट नहीं खेलेंगे।
भारत के मुरली श्रीशंकर को भी इसमें लंबी कूद में भाग लेना था जो डायमंड लीग कार्यक्रम का हिस्सा नहीं है लेकिन अतिरिक्त प्रतियोगिता के रूप में शामिल है। वह हालांकि पहुंच नहीं पाएंगे क्योंकि विश्व चैम्पियनशिप के लिये वीजा औपचारिकताएं पूरी करने के लिए उनका पासपोर्ट दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में है।