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नई दिल्ली : महिला पहलवानों का राष्ट्रीय शिविर अंतत: 10 अक्टूबर से लखनऊ के भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में शुरू होगा। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को यह जानकारी दी और साथ ही चेताया कि जो पहलवान शिविर में हिस्सा नहीं लेंगी उनके नाम पर राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए विचार नहीं किया जाएगा।

राष्ट्रीय शिविर एक सितंबर से शुरू होना था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे टाल दिया गया। स्थिति उस समय और खराब हो गई जब ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके देश के चार पहलवानों में से दो विनेश फोगाट और दीपक पूनिया कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए जिससे कई पहलवान डर गए। स्थिति का आकलन करने और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) की सलाह पर डब्ल्यूएफआई ने छह ओलंपिक भार वर्ग में शिविर शुरू करने का मन बना लिया है जिसमें 50 किग्रा, 53 किग्रा, 57 किग्रा, 62 किग्रा, 68 किग्रा और 76 किग्रा वर्ग शामिल हैं। यह शिविर 31 दिसंबर तक चलेगा।

कुश्ती उन 9 खेलों में शामिल है जिसे साइ ने अपनी ‘खेला इंडिया फिर से' पहल के तहत पांच अक्टूबर से खेल गतिविधियां बहाल करने के लिए चुना है। डब्ल्यूएफआई के सहायक सचिव विनोद तोमर ने पीटीआई को बताया, ‘हम लखनऊ में 10 अक्टूबर से शिविर शुरू कर रहे हैं। शिविर में पहलवानों की संख्या पहले के समान रहेगी, छह ओलंपिक भार वर्ग में तीन-तीन खिलाड़ी शिविर में हिस्सा लेंगी।' पहलवानों को 14 दिन के पृथकवास से गुजरना होगा और परीक्षण में नेगेटिव आने के बाद ही उन्हें ट्रेनिंग की इजाजत दी जाएगी।

यह पूछने पर कि क्या सभी शीर्ष पहलवान शिविर से जुड़ने के लिए राजी हो गई हैं, तोमर ने कहा, ‘सभी को आना होगा। जो शिविर में नहीं आएंगी उन्हें हटा दिया जाएगा और चयन के लिए उनके नाम पर विचार नहीं होगा।' यह पूछने पर कि क्या विनेश शिविर से जुड़ने पर राजी हो गई हैं, तोमर ने कहा कि डब्ल्यूएफआई उनकी जरूरतों का इंतजाम करने का प्रयास कर रहा है। तोमर ने कहा, ‘वह विदेश में ट्रेनिंग करना चाहती है लेकिन मौजूदा स्थिति में हम शिविर में उसे ट्रेनिंग के लिए अच्छे जोड़ीदार देंगे।'

शिविर के स्थगित होने से पहले 2018 विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता पूजा ढांडा ने कहा था कि ‘हमें कोरोना वायरस के साथ जीना सीखना होगा' इससे संकेत मिलते हैं कि उन्हें शिविर शुरू होने पर इससे जुड़ने में कोई समस्या नहीं है। एक उभरती हुई पहलवान के कोच ने हालांकि कहा कि उनकी शिष्या शिविर से जुड़ेगी लेकिन सिर्फ इसलिए क्योंकि राष्ट्रीय टीम में स्थान दांव पर लगा है।

नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कोच ने कहा, ‘पहलवान के माता पिता से बात करने के बाद हमने उसे भेजने का फैसला किया है। लेकिन अब भी उनके दिमाग में कोरोना वायरस संक्रमण का डर है। हम मना नहीं कर सकते, हम शिविर से बाहर नहीं होना चाहते क्योंकि ऐसा करने पर महासंघ उसे राष्ट्रीय चयन ट्रायल के लिए नहीं बुलाएगा।' शिविर से जुड़ने को लेकर अंदेशा जता चुकी दिव्या काकरान के पिता सूरज ने बताया कि वह शिविर में हिस्सा लेंगी। सोनीपत में इस महीने की शुरुआत में शुरू हुए पुरुष शिविर को भी 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया है।