मुल्लांपुर (चंडीगढ़) : करुण नायर 2018 में टेस्ट टीम से बाहर किए जाने के बाद निराशा की गहराइयों में गिरते चले गए और उस समय उनका साथ बेंगलुरु के मानसिक कोच श्री आडवाणी ने दिया। नायर ने अपने सबसे मुश्किल समय में आडवाणी से सलाह ली जिन्होंने सुनिश्चित किया कि यह प्रतिभाशाली बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल करने के बावजूद टीम से बाहर नहीं हो।
भारत के 28 बार के विश्व चैंपियन क्यू खिलाड़ी पंकज आडवाणी के भाई श्री आडवाणी ने करुण के साथ एक साल तक काम किया और खेल के प्रति उनके समर्पण से प्रभावित हुए। आडवाणी ने इंटरव्यू में याद करते हुए कहा, ‘हमें उन्हें यह एहसास कराना था कि गिरावट उनकी क्षमता का प्रतिबिंब नहीं थी। हमें उनका अपनी क्षमता पर आत्मविश्वास बरकरार रखवाना था और उन्हें यह समझाना था कि उनमें बहुत क्रिकेट बाकी है।'
दिसंबर 2016 में वीरेंद्र सहवाग के बाद भारत की ओर से तिहरा शतक जड़ने वाला दूसरा खिलाड़ी बनने के बाद से नायर ने काफी गलतियां नहीं की लेकिन इसके बावजूद अगले साल उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और जब 2018 में इंग्लैंड के पूरे दौरे के दौरान उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा तो उनकी हताशा चरम पर थी। आडवाणी ने याद करते हुए कहा, ‘करुण ने अपने करियर में बहुत कुछ झेला है। इंग्लैंड के पूरे दौरे पर मौका नहीं मिलने के बाद करुण निराश हो गए थे। इससे उन पर गहरा असर पड़ा और उनके अंदर खुद पर संदेह होना स्वाभाविक था। आप अपनी योग्यता पर सवाल उठाने लगते हैं। जैसे ‘मुझे और क्या करने की जरूरत है?'
सबसे बुरा समय आना बाकी था क्योंकि कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद उन्हें कर्नाटक रणजी टीम से बाहर कर दिया गया और खुद को साबित करने के लिए एक मौका मांगने वाली उनकी सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो गई। नायर को मजबूरन विदर्भ जाना पड़ा जहां उनके करियर को नई उड़ान मिली और अब वे आठ साल बाद टेस्ट में वापसी कर रहे हैं। आडवाणी ने 2018 और 2019 के बीच नायर के साथ मानसिक सत्र को याद किया और सबसे बुरे दौर से वापस लौटने की उनकी क्षमता की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन उस समय भी खेल के प्रति उनका समर्पण देखने लायक था। मेरा मानना है कि वह पहले से कहीं ज्यादा मजबूती से वापसी कर रहा है।' टेस्ट क्रिकेट के अलावा नायर ने रणजी ट्रॉफी में भी तिहरा शतक जड़ा है इसलिए जब वह अचानक चयनकर्ताओं की योजनाओं से बाहर हो गए तो आडवाणी को लगा कि उनके लिए अपने गौरवशाली अतीत पर जोर देना जरूरी है। आडवाणी ने एक सत्र में नायर से कहा, ‘टेस्ट और रणजी में 300 रन, ये चीजें संयोग से नहीं होतीं इसलिए कभी भी चयनकर्ताओं के फैसले को अपनी क्षमता निर्धारित नहीं करने दें।'