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लंदन : इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टीव हार्मिसन ने संकेत दिया है कि टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने 90 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में टीम भावना में योगदान नहीं दिया लेकिन 2005 की एशेज श्रृंखला के दौरान सब कुछ बदल गया जिसे टीम ने 2-1 से जीता। 

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने कहा था कि उन्होंने 2005 की एशेज के दौरान इंग्लैंड की टीम में एक बड़ा बदलाव देखा था जिसके जवाब में उस टीम के सदस्य रहे हर्मिसन ने कहा, ‘उस टीम और 2003, 2001, 1999 तथा 1997 के बीच का अंतर यह था कि 2005 में हम एक टीम थे।' गिलेस्पी ने कहा था कि उन्होंने दोनों टीमों के बीच इससे पहले की श्रृंखलाओं में इंग्लैंड की टीम में ऐसा भाईचारा कभी नहीं देखा था। गिलेस्पी ने कहा, ‘मैंने 2005 एशेज में इंग्लैंड की टीम में एक बड़ा अंतर देखा है...ऑस्ट्रेलियाई टीम के रूप में हमने इससे पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया था।' 

उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड के खिलाड़ी सामान्य रूप से मैदान पर छोटे समूहों में जाते थे।... (लेकिन इस बार) यह वास्तव में ध्यान देने योग्य था कि जैसे ही अंपायर मैदान पर पहुंचे, (इंग्लैंड के कप्तान) माइकल वॉन सीधे मैदान पर पहुंच गए, सभी सीधे मैदान पर पहुंच गए, जल्दी से बात हुई और फिर वे भागकर क्षेत्ररक्षण करने पहुंच जाते थे। गेंदबाज दौड़कर अपनी कैप अंपायर को सौंप देता था और इससे पहले कि हमारे बल्लेबाज मैदान पर आधे रास्ते में आते, पूरी इंग्लैंड की टीम खेलने के लिए तैयार रहती थी।' 

इंग्लैंड के लिए 63 टेस्ट में 226 विकेट चटकाने वाले 44 वर्षीय हार्मिसन ने कहा कि कुछ ‘स्वार्थी' खिलाड़ियों ने इंग्लैंड की खराब संस्कृति में योगदान दिया। हार्मिसन ने कहा, ‘हम एक टीम के रूप में आगे बढ़े, हम एक टीम के रूप में खेले और हमने एक टीम की तरह मैदान से बाहर व्यवहार किया (2005 में)। 1997, 2001, 2003/04 में इंग्लैंड के लिए कुछ स्वार्थी लोग खेलते थे।' 

उन्होंने कहा, ‘कुछ महान क्रिकेटर, मुझे गलत मत समझो... लेकिन जब आप देखते हैं - और मुझे यह कहने में कोई समस्या नहीं है - नासिर (हुसैन), आथर्स (माइकल आथर्टन), थोर्पी (ग्राहम थोर्प), कॉर्की (डोमीनिक कॉर्क), डेरेन गफ, एंडी कैडिक, व्यक्तिगत लोगों का समूह था जो एक टीम के रूप में एक साथ खेलते थे जबकि 2005 में हम एक टीम थे।' 

हार्मिसन ने कहा कि भले ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के बीच मतभेद रहे हों लेकिन टीम की भलाई के लिए उन्हें किनारे कर दिया गया। उन्होंन, ‘(ऑस्ट्रेलियाई टीम को देखते हुए) आपके खिलाड़ी एक टीम थे। आपके बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम कभी उसका फायदा नहीं उठा पाए।' हुसैन और आथर्टन ने मिलकर 211 टेस्ट खेले और इंग्लैंड की अगुआई की। इन दोनों के बाद वान ने 2003 में कप्तानी संभाली और 2005 में एशेज जीती।