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स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर को पाखंडी कहने के कुछ दिन बाद अपना रुख स्पष्ट किया है। ट्विटर पर तिवारी ने अपने 20 मिनट के साक्षात्कार में एक खास हिस्से को एडिट करने और चलाने के लिए मीडिया को दोषी ठहराया है। 9 जनवरी को एक साक्षात्कार में बंगाल के पूर्व कप्तान ने मौजूदा मुख्य कोच पर निशाना साधते हुए उन्हें पाखंडी कहा था जो "अपनी बात पर खरा नहीं उतरता"। तिवारी ने मुख्य कोच के रूप में गंभीर की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि पूर्व सलामी बल्लेबाज में स्पष्टता और निश्चित कोचिंग शैली का अभाव है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की हार और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने में उनकी विफलता के मद्देनजर उनकी कड़ी टिप्पणी आई। 

मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा, 'गौतम गंभीर एक पाखंडी हैं। वह जो कहते हैं, वह करते नहीं हैं। गेंदबाजी कोच का क्या फायदा? कोच जो भी कहेगा, वह माना जाएगा। मोर्ने मोर्कल लखनऊ सुपर जायंट्स से आए थे। अभिषेक नायर गंभीर के साथ कोलकाता नाइट राइडर्स में थे और भारतीय मुख्य कोच जानते हैं कि वह उनके निर्देशों के खिलाफ नहीं जाएंगे।'

इस बयान तीन दिन बाद तिवारी ने आकाश चोपड़ा की वीडियो में अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्होंने केवल वही कहा जो उन्हें सही लगा। मनोज तिवारी ने कहा, 'मैं अपने कोचिंग सेंटर में था, अभ्यास के बाद वहीं बैठा था। स्थानीय मीडिया मेरा साक्षात्कार लेने के लिए वहां आया था। हमने 20-25 मिनट तक बात की और आप जानते हैं कि जब ये लोग [मीडिया] साक्षात्कार लेते हैं, तो वे कार्यालय में वापस जाते हैं और इसे एडिट करते हैं - जो भी सुविधाजनक होगा, जो उन्हें लगता है कि आवश्यक है उसे रखा जाएगा। वे जो भी मांग होगी उसे रखने की कोशिश करेंगे।' 

उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा यकीन है कि उन्होंने 20 मिनट का इंटरव्यू नहीं देखा होगा। और ये चार-पांच लाइनें जो मेरे इंटरव्यू से निकलीं, उन्होंने शायद बस यही देखी होंगी। मैं बस यह स्पष्ट करना चाहता हूं। मैं आकाश को पसंद करता हूं, उनका सम्मान करता हूं, [वे] अपनी ईमानदार राय देते हैं। मुझे लगता है कि इसे स्पष्ट करना जरूरी है।'