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नई दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कहा कि युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के दोहरे शतक को बढ़ा चढ़ाकर पेश नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसा करने से उम्मीदों का बोझ बढ़ जाता है जिसका उनके जैसे युवा खिलाड़ियों के खेल पर प्रतिकूल असर पड़ता है। भारत के सलामी बल्लेबाज जायसवाल ने शनिवार को विशाखापत्तनम में इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 209 रन बनाकर अपना पहला दोहरा शतक जड़ा जिससे वह विनोद कांबली और दिग्गज सुनील गावस्कर के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के भारतीय बल्लेबाज बन गए।

गंभीर ने 2008 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ दोहरा शतक जड़ा था और जायसवाल पिछले 16 साल में ऐसा करने वाले पहले बायें हाथ के भारतीय बल्लेबाज बने। गंभीर ने बातचीत के दौरान कहा कि मैं इस युवा खिलाड़ी को उनकी उपलब्धि के लिए बधाई देना चाहता हूं लेकिन सबसे अहम बात है कि मैं सभी को बताना चाहता हूं कि युवा खिलाड़ी को खेलने दें। हमने पहले भी देखा है कि भारत में हमारी आदत होती है, विशेषकर मीडिया में कि वे खिलाड़ियों की उपलब्धियों को बढ़ा चढ़ाकर पेश करते हैं और उन्हें ‘टैग' दे देते हैं और उन्हें नायक के समान पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे उम्मीदों का दबाव बढ़ जाता है और खिलाड़ी अपना नैसर्गिक खेल नहीं खेल पाते। उसे बढ़ने दीजिए और अपने क्रिकेट का लुत्फ उठाने दीजिए।

शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर ने दूसरे टेस्ट में अच्छी शुरूआत की लेकिन इसे बड़ी पारी में नहीं बदल सके। गंभीर ने कहा कि हमें उन्हें समय देना चाहिए क्योंकि वे बेहतरीन खिलाड़ी हैं और उन्होंने अपने बीते प्रदर्शन से यह दिखाया भी है। इसलिए ही वे भारत के लिए खेल रहे हैं।