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नई दिल्ली: ओलंपिक स्थगित होने से भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों को थोड़ी राहत मिली है लेकिन उन्हें हैरानी है कि आखिर विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) ने अभी तक रैंकिंग को जस की तस रखने का फैसला क्यों नहीं किया है और वे तोक्यो खेलों के लिये क्वालीफिकेशन प्रक्रिया पर भी स्पष्टता चाहते हैं। बीडब्ल्यूएफ ने कोविड-19 महामारी के चलते आल इंग्लैंड चैंपियनशिप के बाद सभी विश्व टूर प्रतियोगिताएं स्थगित या रद्द कर दी। इसके बाद ओलंपिक क्वालीफिकेशन समयसीमा बढ़ाने की मांग उठने लगी थी जो पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 28 अप्रैल है। 

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने ओलंपिक खेलों को अगले साल तक स्थगित कर दिया है तो शटलर चाहते हैं कि बीडब्ल्यूएफ तुरंत ही रैंकिंग को स्थिर कर दे। भारतीय खिलाड़ी बी साई प्रणीत ने कहा, ‘बीडब्ल्यूएफ ने कोरोना वायरस के कारण टूर्नामेंट स्थगित कर दिए हैं लेकिन तब भी हमारे अंक काटे जा रहे हैं। स्विस ओपन स्थगित कर दिया गया लेकिन तब भी मेरे अंक काट दिये गये। अगर इस तरह से वे स्थगित कर दिए गए सभी क्वालीफायर्स के अंक काटेंगे तो फिर मैं नहीं जानता कि क्या होगा।' उन्होंने कहा, ‘बीडब्ल्यूएफ को रैंकिंग को स्थिर कर देना चाहिए, इसके बाद वे ओलंपिक की तिथियों के आधार पर क्वालीफिकेशन पर फैसला कर सकते हैं लेकिन अभी कोई स्पष्टता नहीं है।'

लंदन ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले पारूपल्लि कश्यप ने भी हैरानी व्यक्त की कि बीडब्ल्यूएफ रैकिंग को जस का तस रखने का फैसला करने में इतनी देर क्यों लगा रहा है। कश्यप ने कहा, ‘अब जबकि ओलंपिक स्थगित कर दिये गये हैं, तब हमें देखना होगा कि बीडब्ल्यूएफ क्वालीफिकेशन को लेकर क्या करता है। उन्होंने अभी तक हमारी रैंकिंग भी स्थिर नहीं रखी है। हम नहीं जानते कि क्या होगा। जहां तक अभ्यास की बात है तो यह अनुकूल नहीं है क्योंकि घर में पूरी तरह से तैयारी करना असंभव है।' एक अन्य खिलाड़ी एच एस प्रणय ने भी इसी तरह की चिंता व्यक्त की। उन्होंने ट्वीट किया, ‘जब तक टूर्नामेंट फिर से शुरू होंगे मेरी रैंकिंग 100 के करीब चली जाएगी। बीडब्ल्यूएफ वर्तमान रैकिंग को स्थिर रखने के लिये कुछ नहीं कर रहा है।'