स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय क्रिकेट के सबसे चमकदार सितारों में शामिल और दो विश्व कप (2007 T20 और 2011 ODI) के हीरो युवराज सिंह आज 43 साल के हो गए। उनका करियर न सिर्फ दमदार बल्लेबाजी बल्कि साहस, संकट से वापसी और बड़े मंच पर अविश्वसनीय प्रदर्शन का प्रतीक रहा है। युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा बन चुके युवराज की सबसे यादगार पारी 2007 टी20 वर्ल्ड कप में आई, जब उन्होंने एक ही ओवर में छह छक्के जड़कर दुनिया को हैरान कर दिया था। जन्मदिन के मौके पर क्रिकेट जगत एक बार फिर उस ऐतिहासिक पल को याद कर रहा है।
शुरुआती सफर से लेकर अंतरराष्ट्रीय आइकन बनने तक
युवराज सिंह ने वर्ष 2000 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था। उनकी एंट्री धमाकेदार रही और देखते ही देखते वह भारत के सबसे भरोसेमंद ऑलराउंडर के रूप में उभरे। करीब 19 साल लंबे करियर में उन्होंने 398 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और कुल 11,000 से अधिक रन अपने नाम किए। मैदान पर उनकी चुस्ती, गेंदबाजी में उपयोगिता और बल्लेबाजी में विस्फोटक अंदाज़ उन्हें अलग पहचान दिलाते रहे।
2007 T20 वर्ल्ड कप में लिखा गया सुनहरा इतिहास
19 सितंबर 2007 यह तारीख क्रिकेट इतिहास के पन्नों में हमेशा दर्ज रहेगी। डरबन के किंग्समीड मैदान पर युवराज सिंह ने ऐसा कमाल किया जिसे दुनिया आज भी भूल नहीं पाई। भारत और इंग्लैंड के बीच टी20 वर्ल्ड कप मुकाबले में युवराज ने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में लगातार छह छक्के मार दिए।
सिर्फ 12 गेंदों में अर्धशतक पूरा कर उन्होंने T20 क्रिकेट की सबसे तेज़ फिफ्टी का रिकॉर्ड बनाया, जो आज भी कायम है। उनकी इस पारी ने भारत को बड़े स्कोर तक पहुँचाया और अंततः भारत 18 रन से मैच जीतने में सफल रहा। यह वही टूर्नामेंट था जिसमें भारतीय टीम पहली बार टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनी थी, और युवराज उसका धड़कता हुआ दिल थे।
2011 वर्ल्ड कप का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी
2011 वनडे वर्ल्ड कप भारत के क्रिकेट इतिहास का स्वर्णिम अध्याय माना जाता है। उस विजय अभियान के केंद्र में थे युवराज सिंह। उन्होंने टूर्नामेंट में 362 रन बनाए, 15 विकेट लिए और चार बार मैन ऑफ द मैच बने। अपनी ऑलराउंड क्षमता के दम पर वह मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए। वह दुनिया के पहले ऐसे खिलाड़ी बने जिन्होंने एक ही विश्व कप में 300+ रन और 15 विकेट लेने का कारनामा किया।
कठिन दौर, शानदार वापसी और भावुक विदाई
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझकर दोबारा टीम में लौटना युवराज के करियर की सबसे प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने न सिर्फ मैदान पर वापसी की बल्कि कई अहम मैचों में टीम को जीत की राह दिखाई। 2019 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। 304 वनडे, 58 टी20 और 40 टेस्ट मैच खेलकर युवराज एक ऐसे खिलाड़ी साबित हुए जिनकी उपस्थिति टीम का आत्मविश्वास बढ़ाती थी।
क्रिकेट फैंस के दिलों में हमेशा रहेंगे युवराज
जन्मदिन के मौके पर फैंस और क्रिकेट जगत फिर से वही नज़ारे याद कर रहा है—छह छक्के, दमदार कवर ड्राइव, तेज़तर्रार फील्डिंग और कभी हार न मानने वाला जज़्बा। युवराज सिंह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, एक अध्याय हैं, जो भारतीय क्रिकेट को हमेशा प्रेरित करेगा।