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पुणे : इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर शिवम दुबे की जगह ‘कनकशन सब (किसी खिलाड़ी के सिर में गेंद लगने पर उसकी जगह लेने वाला स्थानापन्न खिलाड़ी)' के रूप में हर्षित राणा के इस्तेमाल से नाखुश थे लेकिन भारत के गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने इस कदम का बचाव करते हुए कहा कि युवा तेज गेंदबाज का नाम सामने रखने के बाद मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ ने अंतिम फैसला लिया। भारतीय पारी के अंतिम ओवर में जेमी ओवरटन की 5वी गेंद दुबे के हेलमेट पर लगी, जिसके कारण कनकशन प्रोटोकॉल का पालन किया गया। दुबे ने 34 गेंद पर 53 रन बनाए। उन्होंने हालांकि आखिरी गेंद का सामना किया, लेकिन जब भारत 181 रन का बचाव करने के लिए उतरा तो राणा उनकी जगह क्षेत्ररक्षण करने उतरे।

 


राणा को हालांकि तेज गेंदबाजी के लिए जाना जाता है जबकि दुबे लगभग 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करते है। मोर्कल ने कहा कि जहां तक मेरी जानकारी है, शिवम (दुबे) सिर पर चोट लगने के बाद जब ड्रेसिंग रूम पहुंचे तो उन्होंने सिर में दर्द की शिकायत की। हमने इसके बाद कनकशन सब के लिए मैच रेफरी के पास एक नाम भेजा। उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा निर्णय लेना मैच रेफरी पर निर्भर था। राणा ने अपने पदार्पण मैच में 33 रन देकर 3 विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया।

 


मोर्कल ने कहा कि राणा को जब इस बारे में बताया गया वह खाना खा रहे थे। उनके सामने खुद को जल्दी से जल्दी तैयार कर मैदान पर उतरने की चुनौती थी और मुझे लगता है कि उन्होंने शानदार काम किया। मोर्कल को जब बताया गया कि बटलर इस बदलाव से खुश नहीं थे क्योंकि ‘कनकशन सब' में समान योग्यता वाले खिलाड़ी को उतारा जाता है और राणा तेज गेंदबाज है जबकि दुबे मध्यम गति से गेंदबाजी करते है। मोर्कल ने कहा कि आप जानते है कि यह तय करने का अधिकार मेरे से ऊपर बैठे लोग (मैच रेफरी) के पास है। मैच रेफरी निर्णय लिया। हमने उनके सामने केवल नाम रखा था। हमें इसके लिए हरी झंडी मिल गई।