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नई दिल्ली : विशाखापत्तनम के बाद अब पुणे टेस्ट में सैंकड़ा लगाने वाले मयंक अग्रवाल जब पारी की शुरुआत में संघर्ष कर रहे थे तभी उन्हें दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाज अनरिक नोत्र्जे के डैडली बाऊंसर सहना पड़ा। दरअसल, तब भारतीय पारी का 11वां ओवर चल रहा था। क्रीज से रोहित शर्मा आऊट होकर पवेलियन लौट चुके थे। ऐसे में मयंक के साथ चेतेश्वर पुजारा पर रनों की गति बनाए रखने की जिम्मेदारी थी। इसी बीच नोत्र्जे ने एक छोर से आक्रमण जारी रखा।

11वें ओवर में नोत्र्जे के एक बाऊंसर को नोत्र्जे समझ नहीं पाए। गेंद उनके हेल्मेट पर लगने के बाद बाऊंड्री पार चली गई। 140 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा की रफ्तारी वाली गेंद हेल्मेट पर लगने से एक बार तो मयंक भी संभल नहीं पाए। उन्होंने बार-बार अपना हेल्मेट देखा और अगली गेंद खेलने के लिए तैयार हो गए।

कमाल की बात यह रही कि हेल्मेट पर गेंद खाने के बावजूद भी मयंक ने अपनी निरंतरता नहीं तोड़ी। उन्होंने नोत्र्जे की अगली ही गेंद पर बेहतरीन ड्राइव लगाकर चौका तो बटोरा ही साथ ही साथ चयनकर्ताओं को भी बता दिया कि उनमें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट में ओपनर बनने का माद्दा है।

बता दें कि भारतीय टीम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे चल रही है। विशाखापत्तनम में खेला गया पहला टेस्ट भारतीय टीम ने 203 रनों से जीता था। अब पुणे के मैदान पर भी भारतीय टीम ने मयंक अग्रवाल के शतक की बदौलत अच्छी बढ़त बना ली है। पुणे टेस्ट विराट कोहली के लिए बतौर कप्तान 50वां टेस्ट है।