स्पोट्र्स डेस्क: आई.सी.सी. विश्वकप के लिए भारतीय टीम में दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर जब दिनेश कार्तिक का चयन हुआ था तो उस समय चयनकत्र्ता प्रमुख एम.एस.के. प्रसाद ने साफ तौर पर कहा था कि कार्तिक को दबाव में खेलने के उनके अनुभव के कारण ही युवा ऋषभ पंत पर प्राथमिकता दी गई है। विश्वकप में इंगलैंड के खिलाफ रविवार को मुकाबले में जब अंतिम एकादश में ऋषभ पंत को शामिल किया गया तो कार्तिक का दबाव में खेलने का सारा अनुभव सिरे से नजरअंदाज हो गया। पंत को ओपनर शिखर धवन के चोटिल होकर विश्वकप से बाहर हो जाने के बाद भारतीय टीम में शामिल किया गया था। ऐसे में टीम को आने वाले मुकाबलों में ये गलती भारी पड़ सकती है।
पंत विश्वकप टीम के साथ घोषित 5 वैकल्पिक खिलाडिय़ों में शामिल थे। टीम इंडिया के ऑलराऊंडर विजय शंकर को उनके पैर के अंगूठे में परेशानी के कारण इस मैच में नहीं उतारा गया और उनकी जगह पंत को दी गई। पंत को शामिल किए जाने के पीछे एकमात्र यही कारण बताया जा रहा है कि वह बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं लेकिन चयनकत्र्ता प्रमुख प्रसाद ने जो अनुभव की बात की थी वह सिरे से नजरअंदाज हो गई है। ऋषभ ने हालांकि 32 रन बनाये लेकिन दबाव की परिस्थिति में उनका कम अनुभव फिर से खुलकर सामने आ गया।