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नई दिल्ली : अपनी फुर्ती और ‘ड्रिब्लिंग कौशल’ के लिए मशहूर भारतीय स्ट्राइकर डांगमेई ग्रेस अच्छी तरह जानती हैं कि उज्बेकिस्तान के क्लब एफसी नसफ में खेलने के दौरान सब कुछ काफी मुश्किल होगा लेकिन वह इस चुनौती के लिए काफी उत्साहित हैं।

हाल में उज्बेकिस्तान के क्लब से करार करके विदेश में खेलने का सपना साकार करने वाली महिला फुटबॉलर ग्रेस ने कहा कि मैं जानती हूं कि उज्बेकिस्तान में सबकुछ अलग होगा, उनके खेलने की शैली, उनकी संस्कृति। मुझे काफी तेजी से इसके हिसाब से ढलना होगा और नए मित्र बनाने होंगे। लेकिन मैं इस नयी चुनौती के लिए और अपने अनुभव साझा करने के लिए काफी उत्साहित हूं। 

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अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की वेबसाइट पर ग्रेस ने कहा कि यह मेरे लिए सपने का साकार होना है। 26 साल की स्ट्राइकर ने कहा कि यह रातों रात का सपना नहीं है। मैं लंबे समय से विदेशों में खेलने का सपना देख रही थी। मैं इस दिन का इंतजार कर रही थी। यह मेरे लिए अपना कौशल दिखाने और भारतीय महिला फुटबॉल का अच्छा दूत होने का मौका है। 


ग्रेस ने अपना अंतरराष्ट्रीय करियर 2013 में शुरू किया था और वह दक्षिण एशियाई खेलों (2016, 2019) और सैफ महिला चैम्पियनशिप (2016 और 2019) में जीत हासिल कर चुकी हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने अनुभव साझा करना चाहती हूं क्योंकि मैं कई वर्षों से राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुकी हूं। मैंने उज्बेकिस्तान राष्ट्रीय टीम के खिलाफ 3 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे और उनकी टीम काफी मजबूत है।