खेल डैस्क : इंडियन प्रीमियर लीग शुरू होने से पहले भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) ने एक बयान देकर सबको चौका दिया है। कुलदीप ने माना कि धोनी के संन्यास के बाद उनकी गेंदबाजी पर प्रभाव पड़ा। वह लगातार गेंदबाजों से बात करते थे, टिप्स देते थे जिससे बल्लेबाजों को आऊट करने की रणनीति बनती थी। उनके न होने से इसमें कमी आई।
कुलदीप ने कहा कि धोनी के संन्यास लेने के बाद उन्हें आत्मनिर्भर बनने में कुछ समय लगा। कुलदीप बोले- मैं चाहता था कि वह (धोनी) अधिक खेले क्योंकि जब हम गेंदबाजी कर रहे थे तो यह हमारे लिए बहुत आसान था। धोनी के संन्यास लेने के बाद गेंद से मेरा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। ऐसा तब होता है जब कोई व्यक्ति आपका मार्गदर्शन करता है। लेकिन जब वह व्यक्ति आपके ऊपर नहीं होता तब अचानक सब कुछ आपके कंधों पर आ जाता है। आपको स्थिति पर प्रतिक्रिया करने में समय लगता है... जो शायद मेरे साथ हुआ। फिर धीरे-धीरे आप समझ जाते हैं और आत्मनिर्भर बन जाते हैं।
कुलदीप ने कहा कि मैं और चहल जब गेंदबाजी करते थे तो माही भाई बहुत सारे टिप्स देते थे। जब मैं गेंदबाजी कर रहा होता था तो मुझे ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं पड़ती थी। मैं गेंदबाजी करता था और वह फील्डिंग जमा देते थे। इसमें कोई शक नहीं कि मैंने माही भाई के साथ मैदान पर और मैदान के बाहर भी जो समय बिताया वह बहुत अच्छा था।
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कुलदीप को अच्छी बल्लेबाजी करते भी देखा गया। इस पर उन्हेंने कहा कि मुझसे कहा गया था कि मेरे पास बल्लेबाजी का काफी कौशल है, लेकिन उन्होंने मुझ पर कोई दबाव नहीं डाला कि मुझे रन बनाने होंगे। अगर मैं महत्वपूर्ण परिस्थितियों में टीम के लिए योगदान दे सकता हूं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में, तो खेल बदल जाता है (यदि निचला क्रम रन बनाता है)। मेरे पास क्षमता थी और विक्की पाजी (बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़) ने मुझसे (नेट्स में) खूब बल्लेबाजी करवाई। उन्होंने मुझे निश्चिंत भी रखा क्योंकि जब आप रन नहीं बनाते तो आप बहुत सोचते हैं कि आपको क्या करना है, उन्होंने कहा कि मुझे शांत रहने और कोई तनाव नहीं लेने की जरूरत है।