स्पोर्ट्स डेस्क : भारतीय तेज गेंदबाज हर्षित राणा ने मौजूदा इंटरनेशनल क्रिकेट में बॉलर्स की चुनौतियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ICC के नए ODI बॉल नियम ने सीमर्स के लिए खेल को एक नई दिशा दी है, क्योंकि आज के दौर में बल्लेबाज़ी का दबदबा काफी बढ़ चुका है। 34 ओवर तक दो नई गेंदों का उपयोग और उसके बाद एक गेंद को चुनने का विकल्प तेज़ गेंदबाज़ों को रिवर्स स्विंग का हथियार वापस दिला सकता है। राणा के मुताबिक, यह बदलाव डेथ ओवर्स में गेंदबाज़ों को पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा रणनीतिक बढ़त देगा।
ICC के नए ODI बॉल नियम को बताया गेम-चेंजर
भारत के उभरते स्पीडस्टार हर्षित राणा ने रायपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि नया बॉल नियम सीमर्स के लिए बेहद प्रभावी साबित होगा। ICC के बदलाव के अनुसार, शुरुआत के 34 ओवर तक दोनों सिरों से दो नई गेंदों का इस्तेमाल होगा। 35वें ओवर में फील्डिंग टीम को दोनों गेंदों में से एक को आगे इस्तेमाल करने के लिए चुनना होगा, जबकि दूसरी गेंद बाहर हो जाएगी।
यह सिस्टम गेंदबाज़ों को इस बात का विकल्प देता है कि वे ऐसी बॉल चुने जो स्विंग या रिवर्स स्विंग के लिए अधिक अनुकूल हो। राणा के अनुसार, आधुनिक क्रिकेट में जहाँ बल्लेबाज़ी को अधिक फायदा मिलता है, यह नियम पेसर्स को वह संतुलन वापस दिला सकता है।
“34वें ओवर के बाद हम सिर्फ यह देखते हैं कि कौन सी बॉल ज्यादा पुरानी है”
राणा ने बताया कि यह बदलाव रणनीति को पूरी तरह बदल देता है। उन्होंने कहा, “आज के क्रिकेट में बॉलर्स को बहुत कम मदद मिलती है। ऐसे में यह नियम काफी अहम है क्योंकि 34वें ओवर के बाद हम यह सोचते हैं कि कौन सी बॉल अधिक इस्तेमाल हुई है और किससे रिवर्स स्विंग मिल सकती है। हर गेंदबाज़ यही कोशिश करता है कि पुरानी गेंद ले और डेथ ओवर्स में उस पर नियंत्रण बना सके।” उनके मुताबिक, इस नियम ने गेंदबाज़ों को नई योजनाएँ बनाने और अपने कौशल का इस्तेमाल करने का बेहतर मौका दिया है।
भारतीय पिचों पर बॉलिंग: “हर फेज़ में बदलना पड़ता है रोल”
राणा ने भारतीय परिस्थितियों में गेंदबाज़ी की विशिष्ट चुनौतियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत में बॉलिंग सिर्फ़ रफ्तार का खेल नहीं बल्कि लगातार बदलती रणनीति की मांग करती है। उन्होंने समझाया कि पिचें कई बार बल्लेबाज़ी के अनुकूल हो जाती हैं, ऐसे में गेंदबाज़ को अलग-अलग फेज़ में अलग रोल निभाने होते हैं, कभी डिफेंसिव तो कभी पूरी तरह अटैकिंग। उनके अनुसार, यह विविधता एक गेंदबाज़ को न सिर्फ़ तकनीकी रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी बेहतर बनाती है।
पहले ODI में शानदार प्रदर्शन, सीरीज में भारत को बढ़त दिलाई
रांची में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले ODI में राणा ने अपने कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने 65 रन देकर 3 विकेट झटके, जिसमें उनके एक ही ओवर में रयान रिकेल्टन और क्विंटन डी कॉक के लगातार विकेट शामिल थे। उनकी यह गेंदबाजी भारत को 17 रन की रोमांचक जीत दिलाने में निर्णायक साबित हुई, जिसके बाद टीम इंडिया ने सीरीज में 1-0 की बढ़त बनाई।
ODI करियर में शानदार शुरुआत
सिर्फ 9 ODIs में हर्षित राणा ने 20.89 की औसत से 19 विकेट लेकर अपने संभावनाओं को स्पष्ट कर दिया है। उनका इकॉनमी रेट भी 6 से कम (5.92) है, जो आधुनिक ODI क्रिकेट में काफी प्रभावशाली माना जाता है। उनके नाम चार विकेट haul भी दर्ज है, जो यह दिखाता है कि वह किसी भी फेज में विकेट लेने में सक्षम हैं।