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स्पोर्ट्स डेस्क : भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी बाएं टखने की चोट के कारण आईपीएल 2024 से बाहर हो गए हैं, जिसके लिए यूके में सर्जरी की आवश्यकता होगी। बीसीसीआई के सूत्र ने इस बात की जानकारी दी है। शमी गुजरात टाइटंस (जीटी) के तेज गेंदबाजी समूह को लीड करते हैं और उनका महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। शमी का आईपीएल से बाहर होना फ्रेंचाइजी के लिए एक बड़ा झटका है, जो पहले ही अपने करिश्माई कप्तान हार्दिक पांड्या को गंवा चुकी है। 

2022 में लीग में आने के बाद से जीटी ने असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है। वे 2022 में पहले प्रयास में चैंपियन बने और पिछले साल वे खिताब का बचाव करने के बहुत करीब आकर फाइनल में एमएस धोनी की चेन्नई सुपर किंग्स से हार गए। दोनों सीजन में शमी ने जीटी की सफलताओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 33 वर्षीय तेज गेंदबाज ने 2022 में 20 विकेट लिए और आईपीएल 2023 में और भी बेहतर प्रदर्शन करते हुए 18.64 की औसत से 28 विकेट लिए। शमी नई गेंद से विशेष रूप से घातक थे। 

जीटी की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन उन्हें दिसंबर में आयोजित आईपीएल नीलामी के दौरान अनसोल्ड रहे खिलाड़ियों की सूची में से एक प्रतिस्थापन (आधार मूल्य शमी से अधिक नहीं हो सकता) चुनने की अनुमति है। शमी इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा नहीं हैं, उन्होंने आखिरी बार नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे विश्व कप फाइनल में भारत के लिए खेला था। 

बीसीसीआई सूत्र के मुताबिक, 'शमी जनवरी के आखिरी सप्ताह में टखने का विशेष इंजेक्शन लेने के लिए लंदन में थे और उन्हें बताया गया था कि तीन सप्ताह के बाद, वह हल्की दौड़ शुरू कर सकते हैं। लेकिन इंजेक्शन काम नहीं कर रहा है और अब एकमात्र विकल्प सर्जरी है। वह जल्द ही सर्जरी के लिए यूके रवाना होंगे। आईपीएल का सवाल ही नहीं उठता।'

यह घटनाक्रम शमी के लिए राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) द्वारा नियोजित चोट पुनर्वास प्रबंधन कार्यक्रम पर सवालिया निशान खड़ा करता है। अब इसकी बहुत कम संभावना है कि तेज गेंदबाज बांग्लादेश और न्यूजीलैंड (अक्टूबर नवंबर) के खिलाफ घरेलू मैदान पर भारत के टेस्ट मैचों से पहले वापसी कर पाएंगे। उनका लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज हो सकती है। 

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का मानना है कि एनसीए की रूढ़िवादी सोच शमी के मामले में काम नहीं आई है। सूत्र ने कहा, 'शमी को सीधे सर्जरी के लिए जाना चाहिए था और यह एनसीए का फैसला होना चाहिए था। सिर्फ दो महीने के आराम और इंजेक्शन से अच्छा काम नहीं होता और वही हुआ है। वह एक संपत्ति हैं और भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया में उनकी जरूरत होगी।'