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कोलकाता : भारत के पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने गुरुवार को कहा कि वर्तमान राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर शीर्ष पद के लिए "सही विकल्प नहीं" हैं और वह केवल आईपीएल फ्रेंचाइजियों को सलाह देने में माहिर हैं। गंभीर के नेतृत्व में भारत 27 वर्षों में पहली बार श्रीलंका से एकदिवसीय श्रृंखला हार गया था। इसके बाद घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड से 0-3 से हार हुई जोकि पहली बार था। हाल ही में हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी भारत ने गंवा दी। इसी बीच  तिवारी जिनका आईपीएल में खेलने के दिनों में गंभीर के साथ ड्रेसिंग रूम में झगड़ा हुआ था, एक बार फिर से बोले हैं।


अब पश्चिम बंगाल सरकार में उप खेल मंत्री तिवारी ने कहा कि देखिए, नतीजे देखने के लिए हैं। नतीजे झूठ नहीं बोलते। आंकड़े झूठ नहीं बोलते। रिकॉर्ड खुद बोलता है। वह राहुल द्रविड़ द्वारा किए गए अच्छे काम को आगे बढ़ाने में सक्षम नहीं हैं। उन्हें ट्रैक पर आने या जीत की राह पर आने में बहुत समय लगेगा। क्योंकि मुझे उनके भारतीय टीम को कोचिंग देने के पीछे कोई अनुभव नहीं दिखता है। टेस्ट क्रिकेट में या एकदिवसीय श्रृंखला में, ईमानदारी से कहूं तो मुझे नहीं लगता कि उनके पास कोचिंग का कोई अनुभव है।

 

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गंभीर की कोचिंग में भारत ने श्रीलंका से टी20 सीरीज जीती थी। लेकिन तिवारी का मानना है कि वीवीएस लक्ष्मण और साईराज बहुतुले जैसे कोचिंग में पर्याप्त अनुभव वाले लोग कोच की जॉब के लिए आदर्श विकल्प होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि वीवीएस लक्ष्मण और साईराज बहुतुले... ये लोग अगले मुख्य कोच बनने की कतार में थे। और ये लोग इतने सालों से एनसीए के साथ हैं। जब राहुल द्रविड़ उपलब्ध नहीं थे, तो यह ही अगले कोच थे। उस प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था। बीच में गंभीर कैसे आए, कोई नहीं जानता। इसलिए, ऐसे परिणाम सामने आए।


तिवारी ने कहा कि जब कोई ऐसा व्यक्ति आता है जिसके पास कोई अनुभव नहीं है और वह काम करता है... और उसे जानते हुए भी, एक व्यक्ति के रूप में वह कुछ पहलुओं में कितना आक्रामक है, तो यह परिणाम आना तय है। इसलिए, केवल (आईपीएल) परिणाम देखकर उन्हें मुख्य कोच नियुक्त करने का निर्णय गलत था। मेरी राय में, यह सही विकल्प नहीं था।