खेल डैस्क : गौतम गंभीर ने मंगलवार को आधिकारिक तौर पर भारत के मुख्य कोच के रूप में राहुल द्रविड़ की जगह ले ली है। राहुल द्रविड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम को टी20 विश्व कप विजेता बनाकर विदाई ली है। टी20 विश्व कप शुरू होने से पहले ही द्रविड़ घोषित कर चुके थे कि वह अपने पद में विस्तार लेने की कोशिश नहीं करेंगे। इसके बाद बीसीसीआई ने कोच पद के लिए भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाजों गौतम गंभीर और डब्ल्यूवी रमन का इंटरव्यू लिया। बीसीसीआई की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) द्वारा लिए गए इंटरव्यू में गंभीर मुख्य कोच की जॉब लेने में सफल रहे। गंभीर ने बीते दिनों ही कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए अपना विदाई वीडियो शूट किया था। गंभीर ने केकेआर के मेंटर रहते हुए उन्हें इस सीजन में खिताब दिलाया था।
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि मैं भारतीय क्रिकेट टीम के नए मुख्य कोच के रूप में गौतम गंभीर का स्वागत करता हूं। आधुनिक क्रिकेट तेजी से विकसित हुआ है और गौतम ने इस बदलते परिदृश्य को करीब से देखा है। अपने पूरे करियर में कठिनाइयों को सहने और विभिन्न भूमिकाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बाद, मुझे विश्वास है कि गौतम भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श व्यक्ति हैं। टीम इंडिया के लिए उनका स्पष्ट दृष्टिकोण, उनके विशाल अनुभव के साथ मिलकर उन्हें इस रोमांचक और सबसे अधिक मांग वाली कोचिंग भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह से सक्षम बनाता है। बीसीसीआई इस नई यात्रा की शुरुआत में उनका पूरा समर्थन करता है।
हालांकि गौतम गंभीर के लिए यह कार्यकाल इतना आसान नहीं होगा क्योंकि उनके सामने कुछ बड़ी चुनौतियां होंगी।
1. टी20 में विराट-रोहित का विकल्प ढूंढना
टीम इंडिया के टी20 फॉर्मेट से विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविंद्र जडेजा रिटायरमेंट ले चुके हैं। ऐसे में इनकी रिप्लेसमेंट करना गंभीर के लिए आसान नहीं होगा। अभी टीम इंडिया के पास ओपनिंग क्रम के लिए शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, अभिषेक शर्मा, ऋतुराज गायकवड़ जैसे बड़े नाम हैं। इन्हें सही क्रम देना चुनौती हो सकता है। बड़े प्लेयरों की अनुपस्थिति में केएल राहुल, हार्दिक पांड्या में से किसे कप्तानी देनी चाहिए, यह भी बड़ी समस्या हो सकती है।
2. डब्लयूटीसी फाइनल जीतना
गंभीर का बतौर टेस्ट क्रिकेटर रिकॉर्ड काफी अच्छा है। ऐसे में उनका बड़ा लक्ष्य भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप ट्रॉफी दिलाना भी हो सकता है। भारत दो बार विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंच चुका है जहां एक बार वह न्यूजीलैंड से तो दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार चुका है। आगामी चैंपियनशिप गंभीर के लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा भी होगा। क्योंकि भारतीय टीम ने अब आगामी टी20 विश्व कप 2026 में खेलना है तो ऐसे में गंभीर के पास टेस्ट टीम पर फोक्स करने का पूरा समय है। अगर नतीजे भारत के पक्ष में नहीं आते तो बीसीसीआई की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है।
3. नए गेंदबाज तैयार करना
केकेआर को इस सीजन में जीत दिलवाने में गेंदबाजों का महत्वपूर्ण रोल रहा था। ऐसे में गंभीर का मुख्य फोक्स नए तेज गेंदबाज टीम में लाने पर होगा। टेस्ट फार्मेट में भारत के पास मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाज हैं। ऐसे में चौथे गेंदबाज के रूप में गंभीर किसे आगे लाते हैं, यह भी बड़ी चुनौती होगा। भारत के पास अर्शदीप सिंह जैसा गेंदबाज है। ऐसे में गंभीर उन्हें टेस्ट टीम में ला सकते हैं। अर्शदीप भी टेस्ट टीम में जगह पाने की चाहत में काऊंटी क्रिकेट खेलते रहे हैं। भारत के पास अभी मयंक यादव और उमरान मलिक जैसे स्पीडस्टर कतार में हैं। इन्हें मौका देना या न देना भी गंभीर पर निर्भर होगा। इसके अलावा अगर अगले दो सालों में शमी की रिटायरमेंट होगी तो उनका रिप्लेसमेंट कौन होगा, इसकी जिम्मेदारी भी गंभीर पर ही आएगी।
4. पंत का क्या होगा ?
गंभीर पहले ही बोल चुके हैं ऋषभ पंत के लिए सफेद गेंद फॉर्मेट अच्छा नहीं गया है इसलिए उन्हें रैड गेंद पर फोक्स करना चाहिए। ऐसे में गंभीर के कोच बनने के बाद पंत का टीम इंडिया में फ्यूचर क्या होगा, इस पर भी बातें होंगी। बहरहाल, गंभीर ने पंत के बारे में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि ऋषभ पंत को ओपनिंग से लेकर 6 नंबर तक हर जगह मैनेजमेंट की ओर से खेलने का अवसर दिया गया है ताकि वह सफेद गेंद फार्मेट में आगे आ सके। लेकिन वह अभी तक ऐसा नहीं कर सके हैं। मुझे लगता है कि उन्हें लाल गेंद पर फोकस करना चाहिए, यह उनके लिए बुरा नहीं होगा।