नई दिल्ली : भारत के मिस्ट्री स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने हाल ही में संपन्न एशिया कप 2025 में अपनी शानदार गेंदबाज़ी प्रदर्शन का श्रेय टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर और टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव को दिया। चक्रवर्ती ने पावरप्ले और डेथ ओवरों में जिम्मेदारियाँ निभाते हुए छह मैचों में 7 विकेट लिए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2/29 रहा।
रणनीति और जिम्मेदारी
चक्रवर्ती ने बीसीसीआई द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में कहा, "मैं टीम के लिए पावरप्ले और डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने का अवसर पाकर बहुत खुश हूँ। गंभीर और सूर्यकुमार ने मुझे यह जिम्मेदारी दी और मैं इसे निभाकर संतुष्ट हूं।" उन्होंने फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ अपनी गेंदबाजी का भी ज़िक्र किया और बताया कि टीम ने किस तरह शुरुआत में दबाव झेला और बाद में रणनीति के तहत गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी का सही मिश्रण अपनाया।
तिलक वर्मा और संजू सैमसन ने मैच का रुख बदला
भारत-पाकिस्तान फाइनल में तिलक वर्मा ने धैर्यपूर्ण 69* रनों की पारी खेलकर भारत को मुश्किल लक्ष्य का पीछा करने में मदद की। वहीं विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने 21 गेंदों में 24 महत्वपूर्ण रन बनाकर टीम के लिए साझेदारी बनाई। चक्रवर्ती ने कहा कि इन साझेदारियों और मध्यक्रम की कड़ी मेहनत ने भारत को फाइनल में विजय दिलाई। संजू ने अपनी पारी पर कहा, "मुझे बस गेंद को देखना था और अपना खेल खेलना था। तिलक के साथ साझेदारी बनाना अहम था और हमने मिलकर विपक्षी गेंदबाज़ों पर दबाव बनाया।"
कुलदीप और वरुण की स्पिन जादू
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी की। शुरुआत में साहिदज़ादा फरहान और फखर ज़मान ने 84 रन की साझेदारी की, लेकिन मध्यक्रम में भारत के स्पिनरों कुलदीप यादव (4/30) और वरुण चक्रवर्ती (2/30) ने पाकिस्तान को 146 रन पर ऑल आउट कर दिया। तेज़ गेंदबाज़ बुमराह ने अंतिम दो विकेट हासिल किए। भारत का रन का पीछा मुश्किल स्थिति में शुरू हुआ, लेकिन तिलक वर्मा और संजू सैमसन की साझेदारी ने टीम को मैच में वापस ला दिया। अंत में शिवम दुबे और नए खिलाड़ी रिंकू सिंह ने जीत को पक्का किया।
नतीजा और पुरस्कार
भारत ने 5 विकेट से फाइनल जीता और अपना दूसरा टी20 एशिया कप खिताब तथा कुल नौवां एशिया कप खिताब अपने नाम किया। तिलक वर्मा को 'प्लेयर ऑफ द मैच' का सम्मान मिला। चक्रवर्ती ने फाइनल में निभाई अपनी भूमिका के लिए गंभीर और सूर्यकुमार का आभार जताया, जिन्होंने उन्हें दबाव भरे ओवरों में गेंदबाज़ी करने का अवसर दिया।