Sports

नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के तौर पर गौतम गंभीर की नियुक्ति की वित्तीय औपचारिकतायें अभी पूरी की जानी बाकी हैं लेकिन इस समय उनके लिए सबसे अहम चीज तीन साल के कार्यकाल के दौरान आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार होने के मद्देनजर पसंदीदा सहयोगी स्टाफ रखना है। मंगलवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) सचिव जय शाह ने आधिकारिक रूप से गंभीर की नियुक्ति की घोषणा की जिसका लंबे समय से पूर्वानुमान लगाया जा रहा था। हालांकि पता चला है कि उनका वेतन अभी तय किया जाना बाकी है, हालांकि यह उनके पूर्ववर्ती राहुल द्रविड़ और रवि शास्त्री के समान होने की उम्मीद है। 

बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, ‘गौतम के लिए जिम्मेदारी संभालना ज्यादा महत्वपूर्ण था, वेतन और अन्य चीजों पर काम किया जा सकता है। यह 2014 में रवि शास्त्री जैसा मामला ही है जिसमें उन्हें पहली बार मुख्य कोच डंकन फ्लेचर की जगह क्रिकेट निदेशक बनाया गया था।' उन्होंने कहा, ‘जिस दिन रवि जुड़े थे, उनका तो अनुबंध भी नहीं था और चीजें बाद में पूरी की गईं। गौतम के मामले में भी, कुछ बारिकियों पर काम जारी है। उनका वेतन राहुल द्रविड़ के समान ही होगा।' 

पता चला है कि गंभीर को काम करने के लिए अपनी टीम मिलेगी जो एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) के कोचों के साथ मिलकर काम करेंगे। गंभीर ने कहा था, ‘क्रिकेट मेरा जुनून है और बीसीसीआई, राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण, सहयोगी स्टाफ और सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के साथ मिलकर काम करने को लेकर मैं उत्सुक हूं क्योंकि हम आगामी टूर्नामेंटों में सफलता हासिल करने की दिशा में काम करेंगे।' 

लक्ष्मण इस समय युवा टी20 टीम के साथ जिम्बाब्वे में हैं लेकिन उम्मीद है कि जब वह वापस लौट आएंगे तो वह नए कोच, मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर, दो कप्तान रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। गंभीर के कोर सहयोगी स्टाफ में कौन होगा, इसको लेकर भी काफी दिलचस्पी बनी हुई है। कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) अकादमी के प्रमुख अभिषेक नायर के इसमें शामिल होने के कयास लग रहे हैं जो आईपीएल फ्रेंचाइजी केकेआर के अहम रणनीतिकारों में से एक हैं। 

सबसे महत्वपूर्ण बात है कि वह मौजूदा कप्तान रोहित शर्मा के करीब दोस्तों में शामिल हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने एल बालाजी और जहीर खान का नाम गेंदबाजी कोच के लिए दो संभावित उम्मीदवारों के तौर पर पेश किया है। खबरों के अनुसार आर विनय कुमार का नाम भी सामने आ रहा है जिन्हें गंभीर की पसंद माना जा रहा है। जहां तक क्षेत्ररक्षण कोच का संबंध है तो जोंटी रोड्स का नाम फिर से सामने आ रहा है लेकिन अगर पिछले दो कोचिंग चक्र के चलन को देखा जाए तो बीसीसीआई ने हमेशा घरेलू प्रतिभाओं को तरजीह दी है। 

गंभीर के लिए सबसे बड़ी परीक्षा निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया होगी जहां भारत ने रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में 2018-19 और 2020-21 में लगातार टेस्ट श्रृंखलाएं जीती थीं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच (1991-92 के बाद) 33 वर्षों के बाद पांच टेस्ट की श्रृंखला खेली जाएगी जिसमें पहला टेस्ट पर्थ की सबसे उछाल भरी पिच पर शुरू होगा। गंभीर ने रणजी ट्रॉफी में 2013-17 के बीच कप्तान के तौर पर दिल्ली के लिए रणनीति बनाने में काफी समय बिताया है लेकिन लाल गेंद के कोच के तौर पर उनका प्रदर्शन इसी श्रृंखला पर निर्भर होगा जो भारत के विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के क्वालीफिफेशन के लिए भी निर्णायक साबित होगी। 

इसी बीच पाकिस्तान में चैम्पियंस ट्रॉफी खेली जाएगी लेकिन बीसीसीआई ने अभी इसके कार्यक्रम को हरी झंडी नहीं दी है। गंभीर हमेशा भारतीय सेना के बलिदानों के बारे में बात करते हैं और वह पाकिस्तान में किसी भी तरह का क्रिकेट खेलने के खिलाफ रहे हैं। अब फिर से बीसीसीआई से अनुबंधित होने के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि जब एक बड़े आईसीसी खिताब के लिए खेलने की बात होगी तो उनका फैसला क्या होगा।