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नई दिल्ली : भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये उतरने वाले महेंद्र सिंह धोनी के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि धोनी ने विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाजी क्रम में नीचे उतरकर मोर्चे से अगुवाई नहीं की। गंभीर ने कहा कि किसी और कप्तान ने ऐसा किया होता तो उसकी काफी आलोचना होती लेकिन चूंकि वह धोनी हैं तो लोग इस बारे में बात भी नहीं कर रहे । धोनी ने अपने से पहले सैम कुरेन, रितुराज गायकवाड़ और केदार जाधव को भेजा।

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गंभीर ने एक बयान में कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मैं हैरान था। एमएस धोनी सातवें नंबर पर। आपको तो मोर्चे से अगुवाई करनी चाहिए। 217 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सातवें नंबर पर बल्लेबाजी इसे मोर्चे से अगुवाई करना नहीं कहते। फाफ अकेले ही मैच जीतने के लिए लगा रहा। उन्होंने कहा कि किसी और ने यह किया होता तो काफी आलोचना होगी । लेकिन चूंकि वह धोनी हैं तो लोग इस बारे में बात भी नहीं कर रहे।

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गंभीर ने आगे कहा कि जल्दी आउट होने में कोई बुराई नहीं है लेकिन कम से कम टीम को प्रेरित तो करना चाहिए। आखिरी ओवर में आपने क्या किया तीन गेंद में तीन छक्के लगा दिए। यही पहले किया होता तो नतीजा कुछ और होता। उन्होंने कहा शायद जीत की ललक ही नहीं थी। पहले छह ओवर के बाद लग रहा था कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी है। एम एस अंत तक टिककर टीम को मैच में लौटाने की कोशिश कर रहा था ताकि आने वाले मैचों में ऐसी पारियां खेल सके।

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