नई दिल्ली : भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन का कहना है कि जब वह इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की सोच रहे थे तब उनकी आंख में आंसू नहीं थे। बल्कि उन्हें खुशी महसूस हुई थी क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में एक नए चरण में पैर रख लिया था। धवन ने 24 अगस्त की सुबह अचानक सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी। सोशल मीडिया पर प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों की ओर से पूर्व बाएं हाथ के खिलाड़ी के लिए विदाई संदेशों की बाढ़ आ गई, जिसमें राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं को समर्पित किया गया। धवन अब फिर से क्रिकेट के साथ जुड़ने जा रहे हैं वो भी क्रिकेट कमेंट्री के रूप में।
धवन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मैं कमेंट्री के लिए भी जा सकता हूं, आप कभी नहीं जानते। अगर यह मुझे पसंद आएगा तो मैं इसके लिए तैयार रहूंगा। अपने शानदार करियर में धवन के बल्ले से आसानी से रन निकले। उन्होंने सभी प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व किया, लेकिन वनडे उनकी खासियत थी। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 167 वनडे में 44.1 की औसत से 6,793 रन बनाए, जिसमें 17 शतक और 39 अर्द्धशतक शामिल थे। क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में उन्होंने 34 मैचों में 40.6 की औसत से 2,315 रन बनाए। उनके टेस्ट करियर में 7 शतक और 5 अर्धशतक शामिल रहे। टी20ई प्रारूप में धवन ने 68 मैच खेले और 27.9 की औसत से 1,759 रन बनाए, जिसमें 11 अर्द्धशतक शामिल हैं।
बहरहाल, अपनी रिटायरमेंट पर बात करते हुए धवन ने कहा कि मुझे खुशी महसूस हुई। हां, मुझे खुशी महसूस हुई। मैं नहीं रोया... मैं रोया नहीं। मैं शुक्राने में था। जब मैं काम पर आता हूं, तो मेरी तीव्रता का स्तर बढ़ जाता है। और मेरा फोकस स्तर बढ़ जाता है। और... आक्रामकता भीतर से आती है। लेकिन मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि बाहर, मैं जेन मोड में रहने की कोशिश करूं। फिलहाल, धवन अभी विभिन्न फ्रेंचाइजी लीगों में खेल रहे हैं।