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स्पोर्ट्स डेस्क : भूतपूर्व रियासत जामनगर के महाराजा और पूर्व क्रिकेटर शत्रुशल्यसिंह जडेजा ने शनिवार को दशहरा की पूर्व संध्या पर अपने भतीजे और पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा को राजगद्दी का उत्तराधिकारी घोषित किया। 53 वर्षीय जडेजा अब जामनगर के नए जाम साहब यानी नाममात्र के मुखिया होंगे। क्रिकेट के दिग्गजों के परिवार के रूप में जाने जाने वाले जडेजा के परदादा रंजीतसिंह और परदादा दुलीपसिंह जो दोनों पूर्व जाम साहब थे, के नाम पर ट्रॉफी रखी गई हैं। 

पूर्व नवानगर राज्य के नाममात्र के मुखिया शत्रुशल्यसिंह ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'यह जामनगर के लिए सौभाग्य की बात है कि अजय जडेजा ने मेरा उत्तराधिकारी बनना स्वीकार किया है।' अजय जडेजा को पिछले साल अफगानिस्तान क्रिकेट टीम का मेंटर नियुक्त किया गया था। अपनी खुशी की तुलना महाभारत के पांडवों से करते हुए शत्रुशल्यसिंह ने कहा, 'मैं भी उतना ही खुश हूं (जितना कि वे) क्योंकि मैं एक दुविधा से मुक्त हो गया हूं और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति अजय जडेजा हैं।' 

जडेजा दौलतसिंहजी के बेटे हैं, जो जामनगर लोकसभा सीट से तीन बार सांसद रहे थे। पोलैंड की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वारसॉ में जामसाहेब दिग्विजयसिंह को एक स्मारक समर्पित की, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान तत्कालीन नवानगर में 600 पोलिश बच्चों को शरण दी थी। 85 वर्षीय शत्रुशल्यसिंह दिग्विजयसिंह के बेटे हैं जिनके भाई प्रतापसिंह अजय जडेजा के दादा हैं। 

मई में पिछले लोकसभा चुनाव में जब क्षत्रिय आंदोलन ने भाजपा के लिए मुश्किल हालात पैदा कर दिए थे, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामनगर में चुनाव प्रचार के दौरान शत्रुशल्यसिंह से मुलाकात की थी। यह स्पष्ट रूप से समुदाय तक पहुंचने का प्रयास था। शत्रुशल्यसिंह का बचपन में ही तलाक हो गया था और उनके कोई बच्चे नहीं हैं। परिवार के पास महल, स्कूल और बेशकीमती आभूषणों का संग्रह है।